Vehicle Scrappage Policy : राज एक्सप्रेस। आज देश में प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार कई तरह के उपाय करने में लगी है। इसी कड़ी में सरकार ने अब अहम कदम उठाते हुए देशभर में 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी' (Vehicle Scrappage Policy) पालिसी लागू कर दी है। बता दें, इस मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल की शुरुआत में ऐलान किया है। वहीं, बीते दिन यह देश में लागू कर दी गई है। तो चलिए अब देश में लागू हुई इस पॉलिसी के बारे में विस्तार से जाने ये क्या है और इसके क्या फायदे हैं।
क्या है व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी ?
दरअसल, बीते दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी' (Vehicle Scrappage Policy) लागू कर दी है। बता दें, 'यह एक ऐसी पॉलिसी है जिसके तहत यदि कोई अपना पुराना वाहन सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत बेचता है तो उन्हें नया वाहन खरीदने पर वाहन निर्माताओं कंपनियां 5% तक की छूट देती है।' इसे हिंदी में 'वाहन कबाड़ नीति' कहते हैं। इसका सबसे ज्यादा फायदा सभी स्टेकहोल्डर को होगा। सरकार ने इस पॉलिसी को ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने की उम्मीद और प्रदूषण को कम करने के मकसद से लागू किया है।
व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का फायदा :
बताते चलें, नई स्क्रैप पॉलिसी से ग्राहकों को सीधा फायदा होगा क्योंकि,
ग्राहकों को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी पर 5% छूट मिलेगी।
गाड़ी स्क्रैप करने पर कीमत का 4-6% मालिक को ही दिया जाएगा।
ग्राहकों को नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के समय रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी जाएगी।
नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत नई गाड़ी लेने पर रोड टैक्स में 3 साल के लिए 25% तक छूट दी जाएगी।
नई पॉलिसी लागू होने के बाद राज्य सरकारें प्राइवेट गाड़ियों पर 25% और कमर्शल गाड़ियों पर 15% तक छूट दे सकती हैं।
स्क्रैप पॉलिसी की वजह से पुराने वाहन के सड़क से हटने की वजह से ग्राहक का फ्यूल कॉस्ट घट जाएगा। जिससे देश का क्रूड इंपोर्ट भी कम होगा।
पुरानी गाड़ी देने के बदले ग्राहक को एक डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा जो नई गाड़ी खरीदने पर कई तरह के फायदे देगा।
ग्राहकों को पुरानी गाड़ी की स्क्रैप वैल्यू मिलेगी जो नई गाड़ी की एक्स-शोरूम प्राइस के 5 प्रतिशत के बराबर होगी।
पुराने व्हीकल को कबाड़ में देने पर ग्राहकों को जो डिपॉजिट सर्टिफिकेट मिलेगा, ऑटो कंपनियां उसके बदले आपको नई गाड़ी खरीदते समय एक्स-शोरूम प्राइस के 5% तक का तक का डिस्काउंट देंगी।
वाहन निर्माता कंपनियों और सरकार का फायदा :
वाहन निर्माता कंपनियों को वर्तमान समय में स्टील एवं कुछ अन्य प्रीशस मेटल का आयात करना होता है। क्योंकि, पिछले साल के दौरान लगभग 23 हजार करोड़ रुपये का स्क्रैप स्टील भारत को आयात करना पड़ा था।
अब मोटर के स्कैपिंग से प्रोडक्टिव स्क्रैप मिलेगा और मोटर बनाने वाली कंपनियों को कच्चा माल सस्ता मिलेगा।
जब भी ग्राहक पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करके नई गाड़ियां खरीदेंगे तो सरकार को सालाना करीब 40,000 करोड़ का GST मिलेगा।
सरकार के रेवेन्यू में भी बढ़ोतरी होगी।
देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा मिलेगा।
स्क्रैप पॉलिसी की वजह से पुराने वाहन के सड़क से हटने की वजह से प्रदूषण कम होगा।
स्क्रैप पॉलिसी के दायरे में इतने हल्के मोटर वाहन आएंगे -
20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (LMV) आएंगे।
15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य हल्के मोटर वाहन (LMV) आएंगे।
15 लाख मीडियम और हैवी मोटर वाहन भी आएंगे जो 15 साल से ज्यादा पुराने आएंगे।
फिटनेस टेस्ट फेल होने पर क्या होगा?
सरकार द्वारा व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को वॉलिएंटरी व्हीकल मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम (VVMP) के नाम शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम के तहेत यदि ग्राहक का वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है तो उसे देश भर में 60-70 रजिस्टर्ड स्क्रैप फैसिलिटी में अपनी गाड़ी जमा करना है। इस नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन कहा है कि, 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (Vehicle Scrappage) नीति से रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।'
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।