क्या है विश्व बचत दिवस का इतिहास? क्यों मनाया जाता है विश्व बचत दिवस?
राज एक्सप्रेस। आजकल लोगों के खर्च में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। लोग बदलती हुई लाइफस्टाइल के चलते अधिक खर्च करने लगे हैं। जिसके कारण कई बार उनका फाइनेंसियल बैलेंस भी बिगड़ने लगता है। ऐसे में खर्च अधिक होता है और बचत नहीं हो पाती, जिसका खामियाजा कई बार लोगों को भविष्य में भुगतना पड़ता है। लोगों को इसी के मद्देनजर बचत की अहमियत समझाने के लिए लिहाज से हर साल 30 अक्टूबर को विश्व बचत दिवस मनाया जाता है। इस दिन बचत करने से क्या फायदे होते हैं? से लेकर बचत कैसे करें? जैसे मुद्दों पर लोगों के बीच अपनी बात रखी जाती है। आज हम आपको इस खास दिन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं।
क्या है विश्व बचत दिवस का महत्व?
बचत करना हर व्यक्ति के लिए काफी जरुरी होता है। क्योंकि कठिन समय यानि आर्थिक तंगी के वक्त बचत के कारण ही रोजमर्रा के खर्च से लेकर अन्य कार्य करना भी आसान हो जाता है। लेकिन वहीं यदि हम बचत नहीं करते और खर्च करने पर ही अधिक ध्यान देते हैं, तो आर्थिक तंगी के वक्त हमारे पास उधार पैसा लेने या लोन लेने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचता। इसलिए पैसों का इस्तेमाल काफी सोच-समझकर ही करना चाहिए।
क्या रहा है विश्व बचत दिवस का इतिहास?
विश्व बचत दिवस मनाए जाने की शुरुआत 30 अक्टूबर 1924 में हुई थी। सबसे पहले बचत दिवस को इटली के मिलान शहर में मनाया गया था। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बचत बैंक के द्वारा मिलान में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में इस दिन को मनाने की पहल की गई थी। जिसके बाद अधिवेशन के अंतिम दिन को विश्व बचत दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। जिसके बाद से हर साल इस दिन को मनाया जाने लगा है।
विश्व बचत दिवस की थीम :
हर साल इस दिन को मनाने के लिए एक खास थीम का निर्धारण किया जाता है। इस साल विश्व बचत दिवस की थीम 'Savings Prepare You For a Better Future' रखी गई है। जिसका अर्थ है "बचत आपको बेहतर भविष्य के लिए तैयार करती है"।
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