अगले हफ्ते दीवालिया घोषित होने के लिए आवेदन कर सकती है WeWork, फेल हु्आ बिजनेस मॉडल
हाईलाइट्स
कर्ज से जूझ रही कंपनी ने हथियार डालते हुए दीवालिया घोषित होने का निर्णय लिया
यह खबर सामने आने के बाद कंपनी के शेयरों में देखने में आई 32 फीसदी की गिरावट
इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में आ चुकी है 96 फीसदी से अधिक की गिरावट
राज एक्सप्रेस । रियल इस्टेट सेक्टर में काम करने वाली WeWork अगले सप्ताह दिवालियापन के लिए आवेदन कर सकती है। इस निर्णय प्रक्रिया से परिचित एक सूत्र ने बताया कि जापान के सॉफ्टबैंक समूह के वित्तीय सहयोग से काम कर रही इस कंपनी का बिजनेस माडल पूरी तरह से फेल हो गया है। भारी घाटे और कर्ज से जूझ रही कंपनी के प्रबंधन ने अब संकट के आगे हथियार डालते हुए दीवालिया घोषित होने का निर्णय लिया है। खबर है कि इसके लिए कंपनी अगले सप्ताह आवेदन करने वाली है। उल्लेखनीय है कि WeWork लंबे समयसे सगातार घाटे में है। घाटे से उबरने और निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए कंपनी ने अगस्त में निवेशकों को आगाह किया था कि इस स्थिति में कंपनी को जारी रख पाना प्रबंधन के लिए किसी भी तरह संभव नहीं है। कंपनी के सीईओ डेविड ट्राली ने कहा कि यही वजह है कि दिवालियापन को संभावित विकल्प के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
कंपनी न्यूजर्सी में दायर करेगी दीवाला याचिका
वॉल स्ट्रीट जर्नल में यह समाचार प्रकाशित होने के बाद के समय में लचीला कार्यक्षेत्र उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी के शेयरों में 32% फीसदी की गिरावट देखने में आई थी। कंपनी के शेयरों में गिरावट का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। इस साल कंपनी के शेयरों में उनमें लगभग 96 फीसदी की गिरावट आई है। लगातार हो रहे घाटे और बढ़ते कर्ज पर लगाम लगाने के अंतिम उपाय के रूप में ही कंपनी ने अगले सप्ताह दीवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन करने का निर्णय लिया है। वाल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले से जुड़े कुछ लोगों का हवाला देते हुए बताया कि कंपनी न्यूजर्सी में दीवाला प्रक्रिया की अध्याय 11 याचिका दायर करने पर विचार कर रही है। इससे पहले मंगलवार को, कंपनी ने बताया था कि उसने अपने कुछ ऋणों के भुगतान को अस्थायी रूप से स्थगित करने के लिए लेनदारों के साथ एक समझौता किया है, जिसकी समयावधि इह समाप्त होने वाली है।
स्टार्टअप में निवेश करके साफ्ट बैंक के अरबों डालर डूबे
लगातार जर्जर होती जा रही कंपनी पर जून के अंत तक 2.9 बिलियन डॉलर का शुद्ध दीर्घकालिक ऋण था। जबकि, दीर्घकालिक लीज पर 13 बिलियन डॉलर से अधिक कर्ज था। दिक्कत की बात यह साबित हुई कि उधार लेने की बढ़ती लागत की वजह से वाणिज्यिक रियल एस्टेट सेक्टर की लाभप्रदता को लगातार नुकसान हो रहा था। इसमें कंपनी इस तरह फंसी की उसके वित्तीय संसाधन बाटम पर जा पहुंचे। WeWork का इस तरह दिवालियापन की स्थिति में जा पहुंचना, भाग्य का फेर ही कहा जाएगा, वर्ना 2019 में उसकी वैल्यू 47 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। कंपनी का इस तरह धीरे-धीरे वित्तीय रूप से जर्जर हो जाना साफ्टबैंक के लिए तो बड़ा झटका है ही, जिसके अरबों डालर डूब गए। यह रियल इस्टेट सेक्टर के उन लोगों के लिए भी गहरा झटका है, जिन्होंने कंपनी पर भरोसा किया और उसके साथ जुड़़कर काम करने का निर्णय लिया।
पूरी तरह फेल साबित हुआ कंपनी का व्यवसाय मॉडल
कंपनी 2019 में सार्वजनिक होने की अपनी योजना के बाद से ही भारी उथल-पुथल का शिकार हो गई थी, क्योंकि लंबी अवधि की लीज लेने और उन्हें अल्पावधि के लिए किराए पर देने के कंपनी के व्यवसाय मॉडल पर निवेशकों के मन में भारी संदेह पैदा हो गया था। लगातार हो रहे घाटे से जुड़ी चिंताओं की वजह से कंपनी की यह योजना पूरी तरह से विफल साबित हुई। इस दौरान कंपनी ने स्थिति से उबरने के की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन कोई उपाय काम नहीं आया। कंपनी की मुश्किलें कम नहीं हुईं तो कंपनी ने 2021 में शेयर बाजार से पूंजी जुटाने का निर्णय लिया। तब तक कंपनी पर काफी वित्तीय दबाव निर्मित हो चुके थे और उसके काम करने के तरीके पर से भी संशय पैदा हो चुका था, लेकिन कंपनी बहुत कम मूल्यांकन के साथ शेयर बाजार में प्रवेश करने में सफल रही। इस दौरान जापान के साफ्ट बैंक ने स्टार्टअप को स्थिति से उबारने के लिए अरबों रुपए का निवेश किया, इसके बाद भी कंपनी घाटे से नहीं उबर सकी।
कंपनी ने क्षमता पर अगस्त में जताया था संदेह
इसके बाद WeWork ने अपने काम में कई तरह के बदलाव किए, लेकिन दुर्भाग्य से इन उपायों का उसकी वित्तीय सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा और उसकी मुसीबतों का दौर खत्म नहीं हो सका। कंपनी ने बेहद कम मूल्यांकन पर शेयर बाजार में जाकर पब्लिक से धन जुटाने में सफल रहा। इसके साथ ही जापानी समूह सॉफ्टबैंक ने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए अरबों डालर का निवेश किया, लेकिन इन सब उपायों के बाद भी कंपनी का नुकसान नियंत्रित नहीं हो सका। WeWork ने परिचालन जारी रखने की अपनी क्षमता के बारे में अगस्त में संदेह जताया था। इसी समय कंपनी के मुख्य कार्यकारी (सीईओ) संदीप मथरानी सहित कई शीर्ष अधिकारियों ने कंपनी छोड़ दी थी। अपने शेयरों के लगभग शून्य तक गिरने के बाद WeWork ने अगस्त में निवेशकों को आगाह किया था कि इस स्थिति में कंपनी को जारी रख पाना प्रबंधन के लिए संभव नहीं है। कंपनी के सीईओ डेविड ट्राली ने कहा कि यही वजह है कि दिवालियापन को संभावित विकल्प के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
अब कंपनी के साथ जुड़े लोगों का क्या होगा
ऐसे सवाल यह भी है यदि WeWork दिवालिया हो जाती है, तो उसके स्थानों पर काम करने वाले लोगों का क्या होगा? क्या उन्हें उस स्थान से बेदखल कर दिया जाएगा। को-वर्किंग स्पेस की दिग्गज कंपनी WeWork का अपना कोई कार्यालय नहीं है। वह आमतौर पर अपने लगभग सभी स्थान संपत्ति मालिकों से लीज पर लेती है और उन्हें बाकायदा किराया देती है। WeWork से जुड़े लोग या कंपनियां सुख-सुविधाओं का उपयोग करने के लिए नियमित रूप से भुगतान करते हैं। यह लगभग उसी तरह है, जैसे किसी को लीज की जगह जिम की सदस्यता के लिए भुगतान करना होता है। इसका मतलब यह हुआ कि WeWork के सदस्यों को दिवालियापन की स्थिति में किरायेदारों या उप-पट्टेदारों के समान अधिकार नहीं दिए जा सकते हैं। अमेरिकी कानूनों के मुताबिक यदि WeWork दीवालियापन के लिए दावा करती है, तो सदस्यों को स्वचालित रूप से उनके कार्यालय से बाहर नहीं निकाला जा सकता। अगर कंपनी मकान मालिकों के साथ लीजिंग समझौते को रद्द कर देती है, तो उन्हें उनकी इमारतों से बाहर निकाला जा सकता है। दीवालियापन प्रक्रिया और रियल एस्टेट के विशेषज्ञों का कहना है कि उनके अनुबंधों और स्थानीय कानून की बारीकियों के आधार पर, उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल सकता है।
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