राज एक्सप्रेस। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए AGR की बकाया रकम के भुगतान को चुकाने के लिए 10 साल का समय दे दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आदेश में कंपनियों को 'एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू' (AGR) की बकाया रकम का 10% भुगतान दी गई समय सीमा के अंदर करने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सबसे ज्यादा बोझ टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea का कम हुआ है। इसलिए अब कंपनी अपने टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर रही है।
कंपनी कर रही टैरिफ बढ़ाने पर विचार :
दरअसल, Vodafone Idea कंपनी के AGR की रकम सबसे ज्यादा होने के कारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबसे ज्यादा राहत भी Voda-Idea कंपनी को ही मिली है। वहीं, कंपनी अब बोझ का कम होते ही AGR चुकाने के लिए फंड जुटाने के लिए अपने टैरिफ में 27% की बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। कंपनी जल्द ही अपने टैरिफ बढ़ा सकती है। बता दें, पहले हुए नुकसान के चलते ही आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी Idea और ब्रिटेन की कंपनी Vodafone ने एक साथ मिलकर Voda-Idea कंपनी निर्मित की है।
IIFL सिक्योरिटीज के प्रमुख शोधकर्ता का कहना :
ब्रोकरेज फर्म IIFL सिक्योरिटीज के प्रमुख शोधकर्ता अभिमन्यु सोफत का कहना है कि, 'भले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दूरसंचार कंपनियों को राहत मिल गई हो, लेकिन AGR की बकाया रकम चुकाना अब भी आसान नहीं है। उन्होंने Voda-Idea कंपनी का अंदाजा लगते हुए बताया कि, Voda-Idea कंपनी को AGR की पूरी रकम चुकाने के लिए सालाना औसतन 7,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। कंपनी की अन्य देनदारियों को मिलाकर वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 7 से 24 हजार करोड़ का बोझ आएगा।
Voda-Idea कंपनी का राजस्व :
बताते चलें, Voda-Idea कंपनी का वर्तमान में 6,100 करोड़ रूपये राजस्व है, जिसके 10 हजार करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। इन हालातों में कंपनी के पास टैरिफ में बढ़ोतरी करना एक मात्र उपाय है। इसलिये कंपनी इस विकल्प को अपनाते हुए टैरिफ में 27% तक की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, कंपनी साल 2019 के दिसंबर में भी टैरिफ में 30% की बढ़ोतरी कर चुकी है। जिससे कंपनी के राजस्व में 20% की बढ़ोतरी हुई थी।
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