Chinese App Ban in us : चीन से ही फैली जानलेवा कोरोना महामारी का प्रकोप पूरी दुनिया के देशों में तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए लगभग सभी देशों को चीन के प्रति काफी गुस्सा है। ऐसे में इन देशों का गुस्सा चीन की ऐप निर्माता कंपनियों पर उतर रहा है। पिछले साल भारत और अमेरिका (US) ने चीन की कुछ ऐप्स को बैन कर दिया था। वहीं, अब फिर ऐसी खबरें सामने आरही हैं कि, अमेरिका दोबारा चीन की कुछ ऐप्स पर बैन लगा सकता है।
अमेरिका कर सकता चीनी ऐप्स बैन :
दरअसल, अमेरिका चीन की कुछ ऐप्स को बैन करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका ने पहले भी चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध सुरक्षा के लिहाज से लगाया था। वहीं, अब भी अमेरिका ये कदम चीन की कुछ एप्स पर अमेरिकियों के संवेदनशील डाटा की जासूसी करने के आरोप लगने के बाद उठाने का विचार कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन डाटा सुरक्षा के मकसद से एक बार फिर चीन के खिलाफ सख्त कदम उठा सकते हैं। हालांकि, पिछली बार ये सख्त कदम ट्रंप ने उठाया था।
विरोधी देशों से डाटा बचाना है मकसद :
अमेरिका के इस सख्त कदम उठाने का मकसद अपने चीन-रूस जैसे विरोधी देशों को अपने प्राइवेट और व्यावसायिक डाटा से दूर रखना है। जिससे वह अमेरिका को किसी तरह का कोई नुकसान न पंहुचा पाए। खबरें तो यह भी है कि, अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही कुछ स्मार्टफोन, टैबलेट और डेस्कटॉप कंप्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए समन भी जारी कर सकता है। इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, 'एजेंसी अमेरिका में उनके इस्तेमाल के लिए शर्तों पर बातचीत कर सकती है अथवा एप्स पर प्रतिबंध लगा सकती है।'
अधिकारी का कहना :
एक अधिकारी का कहना है कि, 'अमेरिकी अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टिकटॉक पर लगाए गए प्रतिबंध आदेशों में भी कई चिंताओं को साझा किया। इनमें खासतौर पर वह डर शामिल है जिसके तहत चीन अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों के काम करने के स्थानों को ट्रैक कर उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए निजी सूचनाओं का डोजियर बनाकर जासूसी कर सकता है।'
वाणिज्य मंत्री तय करेंगी कौनसी ऐप होंगी बैन :
बताते चलें, यदि अमेरिका में फिर से ऐप्स बैन की जाती हैं तो, इसका फैसला अमेरिकी वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो करेंगी। वह ही बताएंगी कि, चीन की किन एप्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा चीनी एप्स को कुछ नियम फॉलो करने के लिए भी कहा जा सकता है। जिनके तहत उनका स्वामित्व, नियंत्रण या प्रबंधन किसी ऐसे व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा किया जाए जो चीन या रूस जैसे विरोधियों की सैन्य अथवा खुफिया गतिविधियों का समर्थ न करते हों। इसके अलावा वाणिज्य मंत्री रायमोंडो को यह अधिकार भी दिया गया है कि, 'यदि कोई एप अमेरिका में खतरा पैदा करता है तो वे उसे तत्काल प्रतिबंधित कर दें।'
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