अगस्त 2022 में देश में 12 महीनों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी, सामने आए ताज़ा आंकड़े
हाइलाइट्स :
2022 के अगस्त माह में रोजगार के मौके और अधिक घटे
बेरोजगारी की दर के आंकड़े सामने आये
ग्रामीण क्षेत्र में मिला सबसे कम लोगों को रोजगार
शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर में आई कमी
राज एक्सप्रेस। भारत में बेरोजगारी बहुत ही बड़ी समस्या है जिसका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। आप देश के किसी भी कोने में चले जाओ आपको लोग यह कहते हुए मिल ही जाएंगे कि, नौकरी नहीं मिल रही है, नौकरी के लिए परेशान हैं। वहीं, अब जब बेरोजगारी की दर के आंकड़े निकल कर सामने आये तो पता चला कि, देश में इस साल 2022 के अगस्त माह में रोजगार के मौके और अधिक घटे हैं और 12 महीनों में इस महीने बढ़ती महंगाई के बीच सबसे ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी है।
बेरोजगारी की दर :
दरअसल, आज बेरोजगारी की समस्या देश में जंगल की आग की तरह बढ़ रही है। इसी बीच सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMEI) के द्वारा शनिवार को बेरोजगारी के आंकड़ों की एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल अगस्त के महीने में रोजगार के मौके घाटे और बेरोजगारी की दर और अधिक बढ़ी है। जी हां बेरोजगारी की यह दर बढ़कर इस महीने में करीब 8.28% पर पहुंच गई है। यही दर इसी साल के जुलाई माह में 6.80% पर थी, अर्थात जुलाई की तुलना में बेरोजगारी की दर 1.48% और अधिक बढ़कर पिछले 12 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
CMEI का कहना :
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMEI) ने इन आंकड़ों की रिपोर्ट के साथ ही एक बयान जारी किया है जिसके अनुसार, 'देश में शहरी बेरोजगारी दर अगस्त में बढ़कर 9.57% पर पहुंच गई, जो जुलाई के महीने में 8.20% पर थी। ऐसे में शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी दर में 1.37% का इजाफा हुआ है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में इजाफा देखने को मिली है। जुलाई में ग्रमीण बेरोजगारी की दर 6.14% थी, जो अगस्त में 1.54% की बढ़ोतरी के साथ 7.68% पर पहुंच गई है। भले ही देश की बेरोजगारी दर 8.28% है।' अलग-अलग राज्यों में देखें तो,
हरियाणा में यह सबसे अधिक 37.3%
जम्मू-कश्मीर में 32.8%
राजस्थान में 31.4%
झारखंड में 17.3%
त्रिपुरा में 16.3%
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम 0.4%
मेघालय में 2%
महाराष्ट्र में 2.2%
गुजरात में 2.6%
ओडिशा में 2.6%
जुलाई से अब तक बेरोजगारी दर :
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारी दर 6.8% थी और 39.70 करोड़ लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध था, लेकिन अगस्त में यह दर बढ़कर 8.28% पर पहुंच गई है। इसके साथ ही रोजगार की संख्या भी 24 लाख घटकर 39.46 करोड़ पर आ गई। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि, 'एक महीने में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों काफी अधिक घाटे हैं। इस स्थिति ने देश की अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत असर देखने को मिला है।
प्रबंध निदेशक का कहना :
CMIE के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा, "यह बुरा महीना रहा है। 40 लाख और लोग बाजार में आए, लेकिन हम उन्हें रोजगार नहीं दे सके। रोजगार में लगातार कमी आ रही है और जुलाई की तुलना में अगस्त में कम लोगों को रोजगार मिला है।" उन्होंने कहा, "अनियमित बारिश ने बुवाई गतिविधियों को प्रभावित किया और यह ग्रामीण भारत में बेरोजगारी बढ़ने का अहम कारण है। हालांकि, आने वाले समय में ग्रामीण बेरोजगारी में कमी आ सकती है। युवाओं में 15-24 आयु वर्ग में अपेक्षाकृत कम श्रम भागीदारी दर है। 2016-17 और 2021-22 के बीच श्रम भागीदारी औसत 42.6 प्रतिशत थी, लेकिन युवाओं की श्रम भागीदारी दर 22.7 प्रतिशत पर बहुत कम है। फिर भी, युवाओं को बहुत अधिक बेरोजगारी दर का सामना करना पड़ता है।" उन्होंने कहा, "कुल बेरोजगारी दर औसतन सात प्रतिशत है, लेकिन युवाओं ने 34 प्रतिशत से अधिक की बेरोजगारी दर का अनुभव किया है।"
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