टीईपीए के तहत भारत को होने वाले निर्यात पर शून्य शुल्क लागू होगा
काम के लिए भारत आने वाले पेशेवरों की संख्या पर सीमा नहीं लगेगी
नॉर्वे के व्यवसाइयों के लिए बड़े निर्यात अवसर प्रदान करेगा भारत
राज एक्सप्रेस। नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर ने कहा है कि यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य देशों के बीच हुए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (टीईपीए) के तहत भारत को किए जाने वाले लगभग सभी निर्यातों पर शून्य शुल्क लागू होगा। उन्होंने कहा वहां काम के लिए आने की योजना बना रहे पेशेवरों की संख्या पर भी कोई सीमा नहीं लगाई जाएगी। आइसलैंड, लिकटेंस्टीन और स्विट्जरलैंड के साथ नॉर्वे भी (ईएफटीए) का सदस्य है। नॉर्वे के प्रधान मंत्री, जोनास गहर स्टोर ने कहा कि भारत नॉर्वे के व्यवसायों के लिए बड़े निर्यात अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा समझौते के बाद, यह नॉर्वे द्वारा किए गए अब तक के सबसे महत्वपूर्ण व्यापार समझौतों में से एक है। बता दें कि इस समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर किए गए। नॉर्वे के व्यापार और उद्योग मंत्री, जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे ने इस कार्यक्रम को शानदार बताते हुए कहा इस समय भारत को निर्यात करने वाले नॉर्वे के कुछ उत्पादों पर 40 प्रतिशत तक उच्च शुल्क अदा करना पड़ता है। नए समझौतों के बाद हमने लगभग सभी निर्यात शुल्क मुक्त हो जाएगा। जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
यह व्यापार समझौता सरकार की निर्यात पहल 'हेले नॉर्गे एक्सपोर्टर' का हिस्सा है। इसके अनुसार, यूरोप में सबसे पहले, नॉर्वे के उद्यमों को भारत को निर्यात किए जाने वाले अधिकांश सामानों पर सीमा शुल्क में छूट मिलेगी। नॉर्वे दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि यह उन यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन के उद्यमों को प्राप्त नहीं होने वाला लाभ है। उन्होंने बताया उदाहरण के तौर पर समुद्री भोजन व्यवसायों को आज भारत में 33 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। इस समझौते के साथ, नॉर्वे से आने वाले साल्मन और मैकेरल पर पांच साल बाद से शून्य शुल्क लगेगा।
वेस्ट्रे ने कहा यह नॉर्वे के निर्यातकों को यूरोप और दुनिया के बाकी हिस्सों में प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बड़ा प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने में योगदान देता है और नॉर्वे को भारत के साथ चर्चा के लिए एक नया मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा, भू-राजनीतिक तनाव के साथ अशांत दुनिया में, भारत और पश्चिम के बीच संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। यह समझौता जलवायु महत्वाकांक्षाओं को भी बढ़ाता है और श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा।
समझौते में भारत में 100 बिलियन डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बात की गई है, जो अगले 15 वर्षों में भारत में 10 लाख नौकरियां पैदा करेगा। वेस्ट्रे ने कहा ईएफटीए देश भारत में निवेश और अधिक रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नॉर्वे के व्यवसायों की सहायता के लिए भारत में एक नामित अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इस समय नॉर्वे की 130 कंपनियां भारत में काम कर रही हैं। अगले दिनों इस संख्या में हम बहुत बढ़ोतरी होते देखेंगे। इस दौरान भारत हरित और डिजिटल बदलाव के दौर से गुजरेगा।
इस दौरान नॉर्वे के व्यवसाइयों के पास नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, हरित गतिशीलता और समुद्री भोजन से लेकर हर चीज में निवेश के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। ईएफटीए सदस्यों के बीच, भारत को अप्रैल, 2000 और दिसंबर 2023 के बीच स्विट्जरलैंड से लगभग 10 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है। यह भारत में 12वां सबसे बड़ा निवेशक है। इस अवधि के दौरान नॉर्वे से एफडीआई प्रवाह 721.52 मिलियन डालर, आइसलैंड से 29.26 मिलियन डालर और लिकटेंस्टीन से 105.22 मिलियन डालर था।
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