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अमेरिका-चीन की विकास दर में दिखेगी गिरावट, अगले साल धीमी रह सकती है वैश्विक अर्थव्यवस्था

मध्यपूर्व संकट, महंगाईऔर अधिक ब्याज दरों की वजह से पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अगले साल गिरावट की उम्मीद जताई है।
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हाईलाइट्स

  • इजरायल-हमास संघर्ष आगे बढ़ा तो अर्थव्यवस्था में बढ़ेंगे जोखिम।

  • 0.9 प्रतिशत रहेगी यूरोपीय यूनियन की सामूहिक विकास दर।

  • अंतरराष्ट्रीय विकास दर कम होकर 2.7 प्रतिशत रह जाएगी।

  • 2024 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 1.5 % दर से बढ़ने का अनुमान।

राज एक्सप्रेस। मध्यपूर्व संकट, बढ़ती मुद्रास्फीति और ब्याज दरों की वजह से पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अगले साल गिरावट आने की उम्मीद जताई है। पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के अनुमान के मुताबिक 2024 में अंतरराष्ट्रीय विकास दर इस वर्ष के अनुमानित 2.9 प्रतिशत से कम होकर 2.7 प्रतिशत रह जाएगी। बता दें कि 2020 के कोरोना महामारी वाले साल के बाद यह सबसे धीमी वृद्धि दर होगी।

ओईसीडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगले साल दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन की विकास दर में भी कमी आ सकती है। ओईसीडी ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2024 में केवल 1.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है। जबकि वर्तमान कैलेंडर वर्ष में इसके 2.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है।

उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए उच्च ब्याज दरों ने कर्ज को महंगा बना दिया है। चार दशक के उच्चस्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति से निपटने के लिए वहां के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया था। ओईसीडी का अनुमान है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति इस वर्ष के 3.9 प्रतिशत से गिरकर 2024 में 2.8 प्रतिशत रह जाएगी और 2025 में इसके 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो फेडरल रिजर्व के दो प्रतिशत के लक्ष्य से कुछ ही ऊपर है।

बढ़ती बेरोजगारी, रियल एस्टेट संकट और कमजोर निर्यात की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था के 2024 में 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। बता दें कि यह मौजूदा साल के 5.2 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है। ओईसीडी के विश्लेषकों का मानना है कि चीन के लोगों द्वारा बचत में वृद्धि, रोजगार सृजन की निराशाजनक संभावनाओं और बढ़ती अनिश्चितता के चलते उपभोग वृद्धि संभवत: धीमी रहेगी।

यूरो मुद्रा वाले 20 देशों का भी वैश्विक मंदी में योगदान रहेगा। ये देश बढ़ी हुई ब्याज दरों अैर यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बढ़ी हुई ऊर्जा कीमतों से बुरी तरह प्रभावित हैं। ओईसीडी के विश्लेषकों ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय यूनियन की सामूहिक विकास दर अगले वर्ष 0.9 प्रतिशत रहेगी। इस अनुमान को बहुत अच्छा तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह 2023 के अनुमानित 0.6 प्रतिशत की विकास दर से कुछ ही बेहतर है।

221 पेज की रिपोर्ट में ओईसी़डी ने कहा कि 2023 में अब तक विकास दर मजबूत रही है, लेकिन वित्तीय स्थितियों, कमजोर व्यापार वृद्धि के चलते अब इसमें कमी आती दिख रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल-हमास युद्ध के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में नए जोखिमों पैदा हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर यह संघर्ष बढ़ता है तो ऊर्जा बाजार और प्रमुख व्यापार मार्गों में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

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