दास ने कहा केंद्रीय बैंक के स्तर पर फैसले यूं ही असावधानी में नहीं लिए जाते
हमने एक महीने का समय दिया है, ताकि ग्राहकों को कोई परेशानी न हो
आरबीआई फिनटेक के खिलाफ नहीं, पर इसका उद्देश्य यूजर्स के हितों की रक्षा
राज एक्सप्रेस : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने स्पष्ट किया है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के खिलाफ कार्रवाई की कोई समीक्षा नहीं की जाएगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक बहुत विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लेता है। आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक के बाद दास ने कहा कि पेटीएम ग्राहकों के लिए कुछ एफएक्यू (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) इस सप्ताह सामने आएंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या ग्राहकों के लिए समय सीमा बढ़ाई जाएगी, दास ने कहा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की प्रतीक्षा करें। उन्होंने कहा यदि आप निर्णय की समीक्षा की उम्मीद कर रहे हैं, तो मैं स्पष्ट रूप से कह दूं कि निर्णय की कोई समीक्षा नहीं की जाएगी। हम जो FAQs प्रस्तावित कर रहे हैं, वे फास्टैग धारकों, वॉलेट उपयोगकर्ताओं आदि के साथ ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करने वाले होंगे। FAQs ग्राहकों और जमाकर्ताओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों का समाधान करेंगे।
उन्होंने कहा कि आरबीआई जब कोई निर्णय लेता है तो बहुत विचार-विमर्श के बाद लेता है। केंद्रीय बैंक के स्तर पर फैसले यूं ही नहीं लिए जाते। इन्हें गंभीरता से लिया जाता है। दास ने कहा हमने एक महीने का समय दिया है, ताकि ग्राहकों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा आरबीआई किसी भी फिनटेक के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है। आरबीआई फिनटेक को बढ़ावा देता है और बढ़ावा देना जारी रखेगा। लेकिन ग्राहक हित और वित्तीय स्थिरता सर्वोपरि है।
लगातार गैर-अनुपालन और सामग्री पर्यवेक्षी चिंताओं के मद्देनजर, 31 जनवरी को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी, 2024 के बाद किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड उपकरण, वॉलेट, फास्टैग और एनसीएमसी कार्ड में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है। आरबीआई ने कहा था कि पीपीबीएल पर कार्रवाई एक व्यापक सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट और उसके बाद बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद की गई है।
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