शीर्ष कोर्ट ने पूछा हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद बाजार में अस्थिरता की जांच के लिए सेबी ने क्या किया ?
हाईलाइट्स
शीर्ष अदालत ने कहा हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य का बयान नहीं मानना है।
सेबी की ओर से तुषार मेहता ने कहा वह जांच के लिए और समय नहीं मांगेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को सभी 24 मामलों की जांच पूरी करनी होगी।
राज एक्सप्रेस। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बाजार नियामक भारतीयस प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से पूछा कि उसने अडाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के मद्देनजर बाजार में पैदा हुई अस्थिरता की जांच के लिए अब तक क्या किया है। शीर्ष अदालत अडाणी समूह के खिलाफ स्टॉक हेराफेरी और लेखांकन संबंधी गड़बड़ियों के आरोपों की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट को सत्य के बयान के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किए गए तथ्यात्मक खुलासों पर याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य का बयान नहीं मानना है। अदालत ने कहा, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में शॉर्ट सेलिंग की ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे से संबंधित याचिकाओं को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई की शुरुआत में, सेबी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह अरबपति गौतम अडाणी के समूह की जांच पूरी करने के लिए विस्तार की मांग नहीं करेगे। बाजार नियामक ने आगे कहा कि उसने समूह से संबंधित 24 मामलों की पहचान की है। इस दौरान उसने ऐसे 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को सभी 24 मामलों में जांच पूरी करनी चाहिए और विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के साथ कानून के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए।
सेबी ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह अरबपति गौतम अडाणी के समूह की जांच पूरी करने के लिए और अधिक समय देने की मांग नहीं करेगा। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी सभी 24 मामलों में जांच पूरी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी को विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के साथ कानून के अनुसार आगे बढ़ना होगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हिंडनबर्ग रिपोर्ट को तथ्यों का स्वत: निर्धारण नहीं मान सकते हैं।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर टिके रहने की जरूरत नहीं है। हम रिपोर्ट की सत्यता नहीं जानते। इसीलिए हमने सेबी से मामले की जांच करने के लिए कहा था। उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ लेनदेन में धोखाधड़ी और शेयर-मूल्य में हेरफेरी सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। इसके बाद अडाणी समूह की संपत्ति आधे से अधिक गिर गई थी। अडाणी समूह अब तक इस संकट से पूरी तरह नहीं उबर पाया है।
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