राज एक्सप्रेस। इस सप्ताह शेयर बाजार मंगलवार को महावीर जयंती की वजह से और शुक्रवार को गुड फ्राइडे की वजह से बंद रहेगा। इस बीच, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो गई है। आरबीआई की यह बैठक शेयर बाजार की दिशा तय करने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी छह अप्रैल को सामने आएगी। अनुमान है कि इस बैठक में आरबीआई रेपो रेट यानी इंटरेस्ट रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की बढ़ोतरी कर सकती है। रिजर्व बैंक ने अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी की तो यह लगातार 7वीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी होगी। आरबीआई मई 2022 से लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रही है। महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई मई के बाद से अब तक रेपो रेट में टोटल 250 बेसिस पॉइंट्स यानी 2.50% की बढ़ोतरी कर चुकी है। गुरुवार 6 अप्रैल को आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी या एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देगी। माना जा रहा है कि आरबीआई इस बैठक में रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर सकता है।
आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के नतीजे, वृहद आर्थिक आंकड़े और वैश्विक बाजार का रुख इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियां भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगी। मंगलवार को 'महावीर जयंती' और शुक्रवार को 'गुड फ्राइडे' पर बाजार में अवकाश रहेगा। शनिवार और रविवार की छुट्टी को भी जोड़ लें, तो इस हफ्ते बाजार कुल 4 दिन शेयर कारोबार बंद रहेगा। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह शेयर बाजार में 'निवेशकों की निगाह रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के अलावा एफपीआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) के रुख पर भी रहेगी। एफपीआई अब शुद्ध खरीदार हो गए हैं। एमपीसी बैठक के नतीजे छह अप्रैल को घोषित किए जाएंगे, जिस पर निवेशकों की नजर लगी हुई है।
शनिवार को आए वाहन बिक्री के आंकड़े काफी अच्छे रहे हैं। मारुति सुजुकी, हुंदै और टाटा मोटर्स ने बीते वित्त वर्ष में अपनी सबसे ऊंची सालाना बिक्री दर्ज की है। यह आज की तारीख तक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। वृहद आर्थिक मोर्चे पर मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई और सर्विस पीएमआई के आंकड़े तीन और पांच अप्रैल को आएंगे। बाजार की निगाह विशेष रूप से छह अप्रैल को आने वाली एमपीसी की बैठक के नतीजे पर बनी रहेगी। घरेलू कारकों के अलावा विदेशी फंडों का प्रवाह भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा। इसके अलावा अमेरिका के निजी उपभोग के आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी। इसके आधार पर ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक का भविष्य का रुख तय होगा। इसका असर किसी न किसी रूप में भारतीय शेयर बाजार की भविष्य की चाल पर भी दिखाई देगा।
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