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मानसून, खुदरा कीमतों और एफआईआई-डीआईआई की खरीदारी से तय होगी अगले हफ्ते शेयर बाजार की चाल

शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह काफी जबर्दस्त साबित हुआ। इस दौरान सेंसेक्स ने पहली बार 66,000 का आंकड़ा छुआ, जबकि निफ्टी ने भी नया रिकार्ड हाई बनाया।
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हाईलाइट्स

  • शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह काफी जबर्दस्त साबित हुआ

  • सेंसेक्स ने 66,000 का आंकड़ा छुआ, निफ्टी भी रिकार्ड हाई बनाया

  • अनुकूल संकेतों के बीच अगले सप्ताह भी अच्छे कामकाज की उम्मीद

राज एक्सप्रेस । शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह काफी जबर्दस्त साबित हुआ। इस दौरान सेंसेक्स ने पहली बार 66,000 का आंकड़ा छुआ, जबकि निफ्टी ने भी नया रिकार्ड हाई बनाया। अब अगले सप्ताह शेयर बाजार का रूख कैसा रहने वाला है? इस बारे में अधिकांश शेयर बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि मार्केट में कंसॉलिडेशन नजर आ सकता है। नतीजों का सीजन है। लिहाजा कंपनी के नतीजों का असर उन कंपनियों के शेयरों पर असर डाल सकता है। ग्लोबल और डोमेस्टिक मार्केट से मिलने वाले संकेतों, विदेशी और डोमेस्टिक निवेशकों के रूख, मानसून की चाल और क्रूड प्राइस आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार का मिजाज तय करेंगे। आइए, जानने का प्रयास करें, अगले ससप्ताह किन-किन वजहों से शेयर बाजार हो सकता है प्रभावित?

प्रभावित करेंगे कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजे

आने वाले हफ्तों में कई कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। 17 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में जिन बड़ी कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं, उनमें क्रिसिल, एलटीआई माइंडट्री, एचडीएफसी बैंक, टाटा एलेक्सी, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, टाटा कम्युनिकेशंस, कैनफिन होम्स, एचयूएल, इंफोसिस और एम्फैसिस शामिल हैं।

पूरे देश में सक्रिय हुआ मानसून, असामान्यता डालेगी असर

अब मानसून पूरे देश में सक्रिय हो गया है। उत्तर भारत में भारी बरसात शुरू हो चुकी है। खासतौर पर पहाड़ी इलाकों में मानसून का तगड़ा असर नजर आ रहा है। इसकी वजह से बाढ़, लैंडस्लाइड और जान-माल का नुकसान हो रहा है। उत्तर भारतीय राज्यों में भी कारोबारी लगातार मानसून पर नजर बनाए हुए हैं। मानसून की असामान्यता अनेक तरह से बाजार को प्रभावित करती है। अगर मानसून ऐसे ही जारी रहा, तो इससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इसका बुरा असर कंपनियों के कामकाज पर पड़ेगा।

महंगाई में बढ़ोतरी का पड़ेगा शेयर बाजार पर पड़ेगा असर

देश में फुटकर महंगाई दर जून में 4.81 फीसदी रही है। उल्लेखनीय है कि पिछले 5 माह में पहली बार महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे पहले मई में खुदरा महंगाई दर 4.25 फीसदी रही थी, जो पिछले 25 माह में न्यूनतम थी। जून में रिटेल महंगाई बढ़ने की सबसे अहम वजह खाने-पीने की चीजों के दाम में तेजी रही है। फिलहाल जो स्थिति है, उसे देखकर माना जा सकता है कि जुलाई में भी हालात ऐसे ही बने रहेंगे। महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई सख्त कदम उठा सकता है, ताकि इनफ्लेशन को 4 फीसदी के आसपास रखा जा सके।

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