Mohit Berma, Dabur Charman
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डाबर समूह के चेयरमैन मोहित बर्मन तक पहुंची छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले की आंच

छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब इस केस की जांच डाबर समूह के चेयरमैन मोहित वी बर्मन तक जा पहुंची है।
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हाइलाइट्स

  • महादेव ऐप घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए लोग दायरे में आ रहे हैं।

  • अब महादेव ऐप घोटाले के दायरे में डाबर समूह के अध्यक्ष और निदेशक भी आए।

  • ईडी ने पहले लगाया था 500 करोड़ से अधिक भुगतान सीएम बघेल को देने का आरोप।

राज एक्सप्रेस। छत्तीसगढ़ के महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस केस में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और बालीवुड के लोगों से आगे बढ़ते हुए डाबर समूह के चेयरमैन मोहित वी बर्मन तक जा पहुंची है। मुंबई पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच का दायरा बढ़ गया है और मुंबई पुलिस के रडार पर डाबर समूह के चेयरमैन मोहित वी. बर्मन और निदेशक गौरव वी. बर्मन भी आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि यह मामला तब राष्ट्रीय चर्चाओं में आया, जब इस मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया कि उसे ऐसे अनेक साक्ष्य मिले हैं, जिनसे यह पुष्टि होती है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के संचालकों ने चुनाव खर्च के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 500 करोड़ से अधिक का भुगतान किया है।

एफआईआर में नामजद हैं डाबर के बर्मन्स

पुलिस ने बताया कि आयुर्वेदिक दवाई बनाने वाली दिग्गज कंपनी डाबर के चेयरमैन और निदेशक बर्मन्स को 7 नवंबर को मुंबई पुलिस द्वारा सट्टेबाजी ऐप के विरुद्ध दर्ज की गई एफआईआर में नामित किया गया है। इसमें अब तक बॉलीवुड अभिनेता साहिल खान और कुछ अन्य कारोबारियों को आरोपी बनाया गया है। डाबर समूह ने अब तक इस ताजे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की है। कंपनी और इसके अधिकारियों को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया गया। कई बार प्रयास करने के बाद भी किसी अधिकारी ने इस पर टिप्पणी नहीं की।

15 हजार करोड़ से ज्यादा बड़ा घोटाला

महादेव सट्टेबाजी एप को लेकर पहली शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर ने माटुंगा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि इस सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से हजारों लोगों से 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। माटुंगा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धन शोधन से जुड़े मामले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथ महादेव ऐप की राजनेताओं, ग्लैमर जगत की हस्तियों और कॉरपोरेट्स दिग्गजों के बीच सांठगांठ के संकेत मिले तो उसने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

कुछ दिन पहले बैन की गई थीं 22 सट्टेबाजी साइटें

ईडी की पहल पर कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने महादेव ऐप सहित 22 अवैध सट्टेबाजी साइटों को ब्लॉक कर दिया था। महावीर सट्टेबाजी ऐप को भिलाई स्थित सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल और कुछ अन्य लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा था। यह मुद्दा राष्टीय स्तर पर पहली बार तब चर्चा में तब आया, जब ईडी ने बडी मात्रा में रुपए जब्त करने के बाद कहा कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के दुबई स्थित संचालकों ने चुनाव खर्च के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।

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