क्रूड, कंपनियों के नतीजों, एफआईआई आउटफ्लो व फेड बैंक की नीतियों से तय होगी बाजार की दिशा
हाईलाइट्स
अमेरिकी, यूरोपीय और एशिया के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह देखने में आई गिरावट
सोमवार यानी कल से शुरू रहे नए सप्ताह में इन फैक्टर्स तय करेंगे शेयर बाजार की दिशा
राज एक्सप्रेस। पिछले सप्ताह अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का दौर सक्रिय रहा। मध्यपूर्व में इजराइल और हमास के बीच जारी तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी जैसी कई प्रमुख वजहें रहीं। 20 अक्टूबर को निफ्टी 208 अंक गिरकर 19,542 पर बंद हुआ था, जबकि बीएसई सेंसेक्स 885 अंक गिरकर 65,397 पर बंद हुआ था। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट नोट पर समाप्त हुआ, जबकि बीएसई मिडकैप और लार्जकैप सूचकांकों में एक प्रतिशत की गिरावट देखने में आई। सोमवार से शुरू होने वाले नए सप्ताह में कौन से फैक्टर्स शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे, इस पर गौर करने की जरूरत है।
26 को जेरोम पावेल का संबोधन अहम
अमेरिकी के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल पर 26 अक्टूबर को निवेशकों की खास नजर रहने वाली है। इस दिन यूएस क्यू3 जीडीपी का अग्रिम अनुमान लगाया जाएगा। इस अवसर पर पॉवेल मुख्य ब्याज दरों को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। जिसका भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों पर असर पड़ेगा। आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में महंगाई का जोखिम लगातार बढ़ता चला जा रहा है। इसके साथ ही 26 अक्टूबर को ही निवेशकों की नजर यूरोपियन सेंट्रल बैंक की गवर्निंग काउंसिल की बैठक पर भी रहेगी। सितंबर में हुई गवर्निंग काउन्सिल की बैठक में प्रमुख ब्याज दरों को 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 4 प्रतिशत कर दिया गया था।
कच्चे तेल से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
सप्ताह के दौरान ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड कॉन्ट्रैक्ट दोनों में एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। मध्य पूर्व में जारी तनाव, सऊदी अरब के स्वैच्छिक उत्पादन कटौती को आगे बढ़ने और अमेरिका की अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार को फिर से भरने की योजना के कारण पिछले माह कच्चे तेल कीमतों में तेजी की प्रमुख वजहें रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के आगे भी अस्थिर बने रहने का अनुमान है। हालांकि, रविवार को कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में हल्की गिरावट आई है। अब देखना यह है कि अगले सप्ताह में कच्चे तेल के मूल्य में क्या बदलाव होता है।
ब्याज दरों से तय करेंगी एफआईआई का रुख
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने अक्टूबर में नकदी बाजार में 20 अक्टूबर तक 13,411.72 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ बिकवाली जारी रखी है। एफपीआई फाइनेंस, बिजली, एफएमसीजी और आईटी जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से बिकवाली कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल और कैपिटल गुड्स में बिकवाली कम देखने में आई है। जबकि, टेलिकॉम में एफपीआई खरीदारी कर रहे हैं। अगले सप्ताह, अमेरिकी सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों को लेकर की जाने वाली घोषणा से भारतीय बाजार के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख निर्धारित होगा। यदि अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने अपने ब्याज दरों में कमी की तो निश्चित ही भारतीय शेयर बाजारों की ओर विदेशी निवेशकों का रुझान बढ़ेगा और पिछले कुछ दिनों से जारी मंदी की स्थिति में बदलाव आएगा।
इस हफ्ते खुलने वाले आईपीओ बदलेंगे निवेशकों का मूड
सोमवार से शुरू होने वाले सप्ताह में 5 आईपीओ खुल रहे हैं। मेनबोर्ड सेगमेंट में ब्लू जेट हेल्थकेयर का आईपीओ है, जो 25-27 अक्टूबर तक खुला रहेगा। इसका साइज 840 करोड़ रुपये है। एसएमई सेगमेंट में ऑन डोर कॉन्सेप्ट, पैरागॉन फाइन एंड स्पेशिएलिटी केमिकल्स, शांथला एफएमसीजी प्रोडक्ट्स और मैत्रेय मेडिकेयर के आईपीओ खुलने वाले हैं। ऑन डोर कॉन्सेप्ट का आईपीओ 23-27 अक्टूबर, पैरागॉन फाइन एंड स्पेशलिटी केमिकल्स का 26-30 अक्टूबर, शांथला एफएमसीजी प्रोडक्ट्स का 27-31 अक्टूबर तक चलने वाला है। मैत्रेय मेडिकेयर का इश्यू 27 अक्टूबर को खुलेगा और 1 नवंबर को बंद होगा। जहां तक लिस्टिंग की बात है तो आने वाले सप्ताह में मेनबोर्ड पर आईआरएम एनर्जी के 26 अक्टूबर को लिस्ट होने की उम्मीद है। एसएमई प्लेटफॉर्म पर अरविंद एंड कंपनी शिपिंग एजेंसीज के 25 अक्टूबर और वुमनकार्ट के 27 अक्टूबर को लिस्ट होने की उम्मीद है।
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