राज एक्सप्रेस। आज अडानी ग्रुप के फाउंडर 'गौतम अडानी' का नाम कौन नहीं जानता। उनकी गिनती फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक भारत के पांचवें सबसे और दुनिया के भी 155वें सबसे अमीर शख्स के रूप में की जाती है। उन्होंने हाल ही में उनके जीवन से जुड़ी 2 बहुत बड़ी भयानक घटनाओं का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कैसे वह 2008 के मुंबई आतंकी हमले से बचे इतना ही नहीं उन्होंने अपनी किडनेपिंग बारे में भी बताया। विस्तार से जानें क्या हुआ था उनके साथ...
गौतम अडानी ने किया बड़ा खुलासा :
8.9 अरब डॉलर यानी 676 अरब रुपये की संपत्ति के मालिक गौतम अडानी ने अपनी आपबीती 2 बड़ी घटनाओं का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि, वह 2008 के मुंबई आतंकी हमले का शिकार होते होते बचे थे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि, वह एक किडनेपिंग के शिकार भी हो चुके हैं। दरअसल, गौतम अडानी ने जब अपने हीरों के काम से अपने करियर की शुरुआत की थी। तब बह साल 1981 में वह अहमदाबाद आ गए थे। यहां उन्होंने अपने चचेरे भाई के पॉली विनाइल क्लोराइड की फर्म की शुरुआत में भी अपना योगदान दिया।
अडानी की किडनेपिंग की कहानी :
साल 1988 में गौतम अडानी ने अडानी एक्सपोर्ट के अंतर्गत ही एक कमोडिटीज ट्रेडिंग वेंचर शुरू किया था। जिसके द्वारा उन्हें काफी सफलता मिली और वह आये दिन सुर्खियों में बने रहने लगे। 1990 के दौरान वह सफलता की काफी ऊंची सीढ़ी चढ़ चुके थे कि, उन्हें पता ही नहीं चला उनकी सफलता से जलते हुए आसपास उनके दुश्मन भी बन गए। साल 1997 में गौतम अडानी को कुछ लोगों ने किडनेप कर छोड़ने के बदले में 15 लाख डॉलर यानी करीब 11 करोड़ रुपए की मांग की थी। इस मामले को लेकर पुलिस ने 1 जनवरी 1998 को चार्जशीट फाइल कर कार्यवाही शुरू कि, जिससे यह बात सामने आई थी कि, गौतम अडानी और उनके साथ शान्तिलाल पटेल को भी बंदूक की नोंक पर किडनेप किया गया था।
अडानी की आपबीती :
गौतम अडानी ने बताया कि, वह कर्णावती क्लब से मोहम्मदपुरा रोड की ओर अपनी कार से जा रहे थे तब ही रास्ते में स्कूटरसवार ने जबरदस्ती उनसे गाड़ी रुकवाई, इतने में ही वहां एक वेन आई और बहुत सारे लोग उन दोनों को किडनेप करके अपने साथ ले गए थे। उसके बाद वो लोग उन्हें किसी अनजान जगह पर ले गए थे। उन्होंने इस घटना के बारे में लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स में भी पूछे जाने पर बताया था कि, यह मेरे जीवन की काफी घटनाओं में से एक है। खबरों के अनुसार ऐसा भी कहा जाता है कि अडानी की किडनेपिंग के पीछे अंडरवर्ल्ड डॉन फजल उर रहमान उर्फ फजलू रहमान का हाथ था।
अडानी की दूसरी भयानक आपबीती :
गौतम अडानी ने अपनी जिंदगी के दूसरे भयानक किस्से के बारे में बताया कि, जब वह मुंबई में थे और 26 नवंबर 2008 की रात वह ताज होटल में डिनर करने गए थे, जब ताज होटल पर आतंकियों का हमला हुआ था तब वह भी ताज होटल में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि, वह वैदर क्राफ्ट रेस्टोरेंट में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ के साथ डिनर कर रहे थे। उन्होंने अपनी आंखों से आतंकियों को होटल में घुसकर और गोलियां चलाते देखा, परंतु उनकी किस्मत अच्छी थी जो, अडानी बच गए। क्योंकि, उस रात आतंकियों ने 160 लोगों को मार गिराया था।
लगातार चल रही थी गोलियां :
उन्होंने बताया ऊंचाई पर बैठे थे और उन्हें साफ दिख रहा था कि, आतंकी गोलियां चलने के साथ ही बम भी फेंक रहे थे। आतंकी स्वीमिंग पूल और लिफ्ट की तरफ लगातार गोलियां चला रहे थे। कुछ समय बीतने के बाद होटल स्टाफ ने लोगों की मदद कर सभी को बेसमेंट में पहुंचाया परंतु वहां बहुत घुटन हो रही थी तो, सभी को एक फ्लोर ऊपर ताज चैंबर में ले जाया गया। उन्होंने बताया हम लगभग 100 लोग थे। सब अपनी जान बचाने की दुआ करते हुए यहां- वहां छुप रहे थे।
पूरी रात बिताई बेसमेंट में :
अडानी ने बताया कि, 26 नवंबर वो रात आज भी याद है किस तरह बेसमेंट में गुजरी थी। वह उस समय अपने परिवार और होटल के बाहर कार में बैठे अपने ड्राइवर और कमांडो से बात कर रहे थे। 27 नवंबर की सुबह लगभग 8.45 बजे सुरक्षा बलों उन्हें वहां से बाहर निकाला। उसके बाद उसी ही दिन ( 27 नवंबर) वो अपने प्राइवेट एयरक्राफ्ट से अहमदाबाद पहुंचे। उन्होंने वहां पहुंचकर सबसे पहली बात कही कि,
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