Xiaomi, Oppo पर I-T नियमों के उल्लंघन के लिए 1,000 करोड़ रुपये का जुर्माना!

कंपनियों ने विदेशों में स्थित अपने समूह की कंपनियों की ओर से रॉयल्टी की प्रकृति में प्रेषण किया है, जो 5,500 करोड़ रुपये से अधिक है।
चाइनीज कंपनियों पर I-T department की जांच की आंच। - सांकेतिक चित्र
चाइनीज कंपनियों पर I-T department की जांच की आंच। - सांकेतिक चित्रNeelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स

  • चाइनीज कंपनियों पर जांच की आंच

  • लेनदेन के मामलों पर आधारित है जांच

  • I-T department का तलाशी अभियान

राज एक्सप्रेस। चीन की मोबाइल फोन फर्म Xiaomi और Oppo पर संबंधित उद्यमों के साथ लेनदेन के प्रकटीकरण के लिए आयकर अधिनियम (Income-tax Act) के तहत निर्धारित नियामक आदेश का पालन नहीं करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

तलाशी अभियान - 21 दिसंबर को, I-T विभाग (I-T department) ने कुछ विदेश नियंत्रित मोबाइल संचार और मोबाइल हैंडसेट निर्माण कंपनियों और उनसे जुड़े लोगों पर देशव्यापी तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था।

ऑपरेशन में कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और एनसीआर के कई स्थान शामिल थे।

I-T विभाग ने चीनी मोबाइल निर्माताओं का नाम तो नहीं लिया लेकिन सूत्रों ने नामों की पुष्टि की। I-T विभाग ने कहा कि; "खोज से पता चला कि दो प्रमुख कंपनियों ने विदेशों में स्थित अपने समूह की कंपनियों की ओर से रॉयल्टी की प्रकृति में प्रेषण किया है, जो 5,500 करोड़ रुपये से अधिक है। तलाशी के दौरान जुटाए गए तथ्यों और सबूतों के आलोक में इस तरह के खर्च का दावा उचित नहीं लगता।" मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक Xiaomi और Oppo ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।

कर विभाग ने कहा कि, तलाशी अभियान ने मोबाइल हैंडसेट के निर्माण के लिए घटकों की खरीद के तौर-तरीकों को भी सामने लाया है। यह प्रगट है कि दो कंपनियों ने संबंधित उद्यमों के साथ लेनदेन के प्रकटीकरण के लिए आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित नियामक आदेश का अनुपालन नहीं किया था। इस तरह की चूक उन्हें आयकर अधिनियम, 1961 के तहत दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी बनाती है, जिसकी सीमा 1,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।”

विभागीय सूत्रों के मुताबिक मामले में खर्चों की मुद्रास्फीति, संबद्ध उद्यमों की ओर से भुगतान, आदि के संबंध में साक्ष्य भी देखे गए हैं।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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