5G तकनीक के आने के बाद क्या पड़ेगा 4G मोबाइल्स पर प्रभाव, चलिए बताते हैं
राज एक्सप्रेस। हाल ही में दो साल तक चले ट्रायल के बाद आखिरकार 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी देखने को मिली है। इस दौरान भारत की तीन ऐसी कंपनियां हैं जिनके द्वारा सबसे अधिक स्पेक्ट्रम की खरीद की गई है। ये कंपनियां रिलायंस जियो, भारतीय एयरटेल, वोडाफ़ोन-आईडिया हैं। इस मामले में जहां रिलायंस के पास 24,740Mhz स्पेक्ट्रम है, तो वहीं भारतीय एयरटेल के पास 19867Mhz स्पेक्ट्रम और वोडाफोन-आइडिया के पास 6228Mhz स्पेक्ट्रम आया है। लेकिन देश में 5G आने के बाद हमारे 4G मोबाइल का क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल है। तो चलिए बताते हैं आपको इस बारे में।
बैंड सपोर्ट :
सबसे पहले आपको यह देखना है कि आपका मोबाइल 5G बैंड को सपोर्ट करता है या नहीं। क्योंकि यह देखने को मिला है कि लोगों ने 5G नेटवर्क का इंतजार करते हुए नए मोबाइल लिए हैं, लेकिन जरुरी नहीं है कि इन मोबाइल्स में आपको 5G का अच्छा एक्सपेरियंस भी मिले। इसलिए सबसे पहले यह देखें कि आपको फोन में 5G बैंड की संख्या कितनी है।
4G मोबाइल का क्या होगा?
आपको बता दें कि एक्सपर्ट्स के अनुसार 5G आने के बाद भी आपके 4G मोबाइल चलते रहेंगे। ये किसी भी तरह से बेकार होने वाले नहीं हैं। क्योंकि 5G आने से कम्युनिकेशन नेटवर्क का अपग्रेडेशन होगा। हालांकि 5G के शुरू होने पर ये भी 4G नेटवर्क पर ही निर्भर रहेगा। लेकिन समय बीतने के साथ आपको आपके 4G फ़ोन पर 5G का आनंद नहीं मिल पाएगा।
4G नेटवर्क में क्या बदलाव आएगा?
इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि 5G का आना देश के लिए तरक्की का एक कदम है। इसके आने से 5G वाले मोबाइल्स को तो फायदा मिलेगा, लेकिन साथ ही 4G मोबाइल्स में भी नेटवर्क की स्पीड अच्छी हो जाएगी। इसके साथ ही नेटवर्क की परफॉरमेंस पर भी ख़ासा प्रभाव पड़ेगा।
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