National Technology Day
National Technology DaySyed Dabeer Hussain - RE

National Technology Day : तकनीक की दुनिया में भारतीयों के वो पांच अविष्कार, जिनका दुनिया में बजता है डंका

देश में पहली बार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 को मनाया गया था। इसका कारण यह है कि भारत ने साल 1998 में इसी दिन पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
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National Technology Day : वर्तमान समय में तकनीक का बहुत महत्व है। माना जाता है कि जिस देश की तकनीक जितनी ज्यादा मजबूत होती है, वह देश उतना ही ज्यादा शक्तिशाली होता है। आज हर क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में भारत को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और इस दिशा में कार्य कर रहे देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों के सम्मान में हर साल 11 मई को National Technology Day यानि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस या राष्ट्रीय तकनीकी दिवस मनाया जाता है। देश में पहली बार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई 1999 को मनाया गया था। इसका कारण यह है कि भारत ने साल 1998 में इसी दिन पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इस दिन विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाता है। आज हम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारतीयों के उन पांच आविष्कारों के बारे में जानेंगे, जिनका लोहा आज पूरी दुनिया मानती है।

रेडियो प्रसारण

वैसे तो नोबेल पुरस्कार विजेता इंजीनियर गुलइलमो मार्कोनी (Guglielmo Marconi) को रेडियो प्रसारण का जनक कहा जाता है। लेकिन भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस (Jagadish Chandra Bose) उनसे कई साल पहले रेडियो प्रसारण का इस्तेमाल कर चुके थे। बोस ने 1895 में दुनिया में पहली बार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव का प्रसारण किया था।

ईमेल

ईमेल (E-Mail) आज हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। इसके जरिए हम कुछ ही समय में अपनी बात दूर बैठे किसी शख्स तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि ईमेल का अविष्कार एक भारतीय ने किया था? जी हाँ! भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक वीए शिवा अय्यदुरई (Shiva Ayyadurai) ने साल 1978 में ईमेल का अविष्कार किया था।

इंटेल पेंटियम चिप

दुनियाभर के कंप्यूटर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली इंटेल पेंटियम चिप (Intel Pentium Chip) का अविष्कार एक भारतीय विनोद धाम (Vinod Dham) ने किया था। इस अविष्कार के लिए विनोद धाम को ‘पेंटियम चिप का जनक’ भी कहा जाता है।

फाइबर ऑप्टिक्स

फाइबर ऑप्टिक्स (Fiber Optics) वह चीज है, जिसने पूरी दुनिया को बदलकर रख दिया है। इसके बिना इंटरनेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह एक ऐसी प्रणाली है, जिसके जरिए सूचनाओं को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है। फाइबर ऑप्टिक्स के आने बाद वेब, ट्रांसपोर्ट, टेलिफ़ोन संचार और मेडिकल की दुनिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फाइबर ऑप्टिक्स का अविष्कार किसने किया था? अगर नहीं तो बता दें कि पंजाब के मोगा में जन्मे एक भौतिक विज्ञानी नरिंदर सिंह कपानी (Narinder Singh Kapany) को ऑप्टिक्स फाइबर का जनक (Father of Fiber Optics) कहा जाता है।

यूएसबी पोर्ट

वर्तमान में कंप्यूटर कनेक्टिविटी (Computer Connectivity) के लिए यूएसबी पोर्ट (USB Port) सबसे जरूरी फीचर है। इसके जरिए ही हम पेनड्राइव (Pen Drive) या किसी अन्य चीज को कंप्यूटर से कनेक्ट कर सकते हैं। आपको बता दें कि यूएसबी पोर्ट बनाने का श्रेय अजय भट्ट (Ajay Bhatt) को जाता है। इस अविष्कार के लिए साल 2013 में अजय भट्ट को यूरोपियन इन्वेंटर अवॉर्ड (European Inventor Award) से नवाजा गया था।

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