MeitY कर रहा इंटरनेशनल स्पैम कॉल मामले पर WhatsApp को नोटिस भेजने की तैयारी
राज एक्सप्रेस। सभी एप्लीकेशन को लेकर कई नियम बनाए गए हैं जो उस एप के लॉन्च होते ही लागू कर दिए जाते हैं। इन नियमों का उल्लंघन होने पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) इस मामले में उस एप्लीकेशन के खिलाफ एक्शन ले सकता है। वहीं, पिछले कुछ समय से WhatsApp पर इंटरनेशनल स्पैम कॉल का सिलसिला जारी है। जिसको लेकर मंत्रालय इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp को जल्द नोटिस भजने की तैयारी कर रहा है।
क्या है मामला ?
यदि आप करोड़ों यूजर्स की पसंदीदा इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp के रेगुलर यूजर हैं, तो हो सकता है आपके पास भी पिछले कुछ दिनों में +254, +84, +63, +21, +62 जैसे इंटरनेशनल नंबरों से कॉल और मैसेज आएं हो। तो बता दें, यह सभी स्पैम कॉल और मैसेज हैं। इनमें से ज्यादातर स्पैम कॉल अफ्रीकी और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से आ रहे हैं। हो सकता हैं कई यूजर्स इन्हें सीधे ब्लॉक कर देते हों, लेकिन कुछ यूजर ऐसे भी हैं, जो काफी परेशान हो रहे हैं। इन यूजर्स की परेशानी को समझते हुए ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) जल्द इंटरनेशनल स्पैम कॉल से आने वाले नंबरों को लेकर ही WhatsApp को नोटिस भेजेगा।
स्पैम कॉल करने वालो को कैसे मिला यूजर्स का नंबर :
इस मामले पर जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया है कि, 'यह गतिविधि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के दायरे का हिस्सा है। ट्रस्ट और सेफ्टी इंश्योर करना प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी है। सिक्योरिटी, ट्रस्ट और अकाउंटेबिलिटी कंपनी की जिम्मेदारी है। यह एक बड़ा मुद्दा तब बन जाता है जब पहला सवाल यह उठता है कि, स्पैम कॉल करने वालों को वॉट्सऐप के यूजर्स का नंबर मिला कैसे? क्या कंपनी यूजर्स का डेटाबेस लीक कर रही है या फिर एक बॉट के जरिए रैंडम कॉल किया जाता है। जरी होने वाले नोटिस में इस तरह की कई बातों पर WhatsApp को देखने के लिए कहा जाएगा।'
सामने आई बड़ी रिपोर्ट :
बताते चलें, इस मामले में एक रिपोर्ट सामने आई थी। जिसमें दावा किया गया था कि, WhatsApp बिना यूजर्स की अनुमति के उनकी बातों को रिकॉर्ड कर रहा है। इस मामले में राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा था कि, 'यह प्राइवेसी का अन-एक्सपेक्टेड उल्लंघन हैं। हम इसकी तुरंत जांच करेंगे और प्राइवेसी के किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई करेंगे। यहां तक कि न्यू डिजिटल इंडिविजुअल डेटा प्रोटेक्शन बिल (DPDP) तैयार किया जा रहा है।' वहीं, बीते दिन राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि 'WhatsApp का कहना है कि ये बात सही नहीं है। कुछ समय के लिए गूगल के एंड्रॉयड में एक बग था, जिसके कारण से ऐसा हुआ था। हमने फॉर्मली वॉट्सऐप से क्लियरीफिकेशन मांगा है। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ घबराने की बात है।'
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