J&K : देश में पहली बार मिला Lithium भंडार, भारत दे सकता है चीन-ऑस्ट्रेलिया को झटका, क्या है इसका इस्तेमाल
श्रीनगर, भारत। आज से कुछ महीने पहले झारखण्ड के एक स्थान से सोने का भंडार मिलने की खबर सामने आई थी। वहीँ, अब भारत में पहली बार 'लिथियम का भंडार' (Lithium Reserves) मिला है। जो कि जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मिला है। इस बारे में जानकारी देश में विभिन्न मूल्यवान धातुओं के भंडार खोजने के लिए लगातार प्रयासरत भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने दी है। इस भंडार को पाकर GSI ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। यदि भारत इस भंडार का सही इस्तेमाल करता है तो, वह चीन और ऑस्ट्रेलिया को बड़ा झटका दे सकता है।
GSI को मिली बड़ी सफलता :
दरअसल, भारत में अलग-अलग मूल्यवान धातुओं के भंडार खोजने की कोशिशो में जुटे रहने वाले भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले से एक लीथियम के भंडार का पता लगाया है। GSI का अनुमान है कि, यहां से कुल 59 लाख टन लीथियम मिला है। गौरतलब है कि, आज भारत में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार तेजी से महत्वपूर्ण धातुओं की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के प्रयास में जुटी हुई है। ऐसे समय में जब भारत लीथियम, निकेल और कोबाल्ट जैसे कई खनिजों के आयात के लिए ऑस्ट्रेलिया एवं अर्जेंटीना पर निर्भर है तब लीथियम की खदान का मिलना भारत के लिए किसी बड़ी सफलता से कम नही है। इसके माध्यम से भारत दूसरे देशों पर निर्भरता कम कर सकेगा।
GSI ने दी जानकारी :
बताते चलें, CGPB की बैठक में GSI द्वारा 11 राज्यों में विभिन्न खनिजों के भंडार मिलने की जानकारी दी है। इन राज्यों में जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना के नाम शामिल हैं। बता दें, बैटरियों को बनाने के लिए लीथियम का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में भारत को यह भंडार मिलना रणनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है।
CGPB के सचिव ने बताया :
सेंट्रल जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की 62वीं मीटिंग में खान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया, 'देश में पहली बार लीथियम का भंडार मिला है, वह भी जम्मू-कश्मीर में। बात चाहे मोबाइल फोन की हो या सोलर पैनल की, कुछ अहम खनिजों की आवश्यकता सदैव रहती है। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए आवश्यक है कि देश में महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार खोजे जाएं और उनकी प्रोसेसिंग हो। GSI को जम्मू-कश्मीर में सोने के डिपोजिट भी मिले हैं। आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत जरूरी है। अगर सोने का आयात कम किया जाता है, तो "हम आत्मनिर्भर बन जाएंगे।"
लीथियम का इस्तेमाल :
लिथियम एक ऐसी अलौह धातु है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से बैटरियाँ बनाने के लिए किया जाता है। लिथियम बैटरी निर्माण का एक अहम घटक है।
लीथियमटेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के बीच आज लगभग बैटरी संचालित सभी उपकरणों या वाहनों में लीथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है।
लीथियम आयन बैटरियों की क्षमता काफी ज्यादा होती है। साथ ही ये लंबे समय तक चलती है।
लीथियम आयन बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहन की रेंज बढ़ाने में मददगार साबित होती है।
आजकल ऐसे मोबाइल फोन भी लॉन्च हो रहे हैं, जिनमें लीथियम आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है। जिससे यह कई दिन तक चलते हैं।
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