Kalpana Chawla 61st Birth Anniversary : कल्पना चावला की मौत से पहले की कहानी और उनसे जुड़ी कुछ खास बातें
Kalpana Chawla 61st Birth Anniversary : आज भी भारत के कुछ राज्यों में महिलाओं को पैर की जूती समझा जाता हैं वहीँ, देश को गौरवान्वित करने वाली भारत की ही कई महिलाएं हैं। इन्हीं में एक नाम 'कल्पना चावला' (Kalpana Chawla) भी है। हालांकि, आज वो हमारें बीच नहीं हैं, लेकिन कुछ हस्तियां मर कर भी नहीं मरती। क्योंकि, उनके द्वारा किए गए कार्यं उन्हें सदैव के लिए जीवित कर देते हैं। ऐसा ही नाम कल्पना चावला का भी हैं। अगर आज वह होती तो आज उनका 61वां जन्मदिन होता। चलिए, कल्पना चावला की 61वीं जयंती पर जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।
कौन थीं कल्पना चावला ?
वैसे तो शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे नहीं पता होगा कि, कल्पना चावला कौन थी, लेकिन फिर भी बता दें, कल्पना चावला भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री थी। जो सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री ही नहीं थी बल्कि, वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री भी थी। वह एक बार नहीं बल्कि दो बार अंतरिक्ष जा चुकी थी। वह जब दूसरी बार अंतरिक्ष से धरती पर वापस लौट रहीं थी, उसी दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। यह तो थी उनके अंतिम दिनों की बात अब आपको बताएं उनके जन्म से लेकर उनकी युवावस्था तक के जीवन के बारे में। कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल के एक परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम बनारसी लाल चावला और संजयोती चावला था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा करनाल के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (Punjab Engineering College) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग से बैचलर डिग्री हासिल की और एक महिला एरोनॉटिकल इंजीनियर बनी।
मौत से पहले की कहानी :
कल्पना चावला द्वारा उनकी मौत से ठीक पहले उन्हों एक बड़ी बात कही थी, जो आज भी लोगों को याद होगी। इसके अलावा उनकी मौत के पीछे एक कहानी है जो हम आपको बताने जा रहे हैं। यह बात है तब कि, जब कल्पना चावला अपने मिशन पूरा कर वापस लौट रही थी। उनका अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 पृथ्वी की सतह से लगभग 2 लाख फीट की ऊंचाई पर था। कुछ ही पलों में वह पृथ्वी पर लौट आती, लेकिन उससे पहले मात्र 16 मिनट से भी कम समय बचा था और अचानक उनके अंतरक्षि यान का संपर्क नासा से कट गया और कुछ मिनटों में जीती जगती कल्पना चावला अपनी टीम और यान सहित मलबे के ढेर में बदल गईं। यह हादसा अमेरिका के टैक्सस के डैलस इलाके में हुआ था। कल्पना चावला ने कहा था कि,
"मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी भी।"
कल्पना चावला से जुड़ी कुछ खास बातें :
कल्पना चावला के माता-पिता उन्हें टीचर या डॉक्टर बनता देखना चाहते थे।
वह 8वीं कक्षा में एस्ट्रोनॉट बनने की सपना देख चुकी थी।
कल्पना चावला ने साल 1988 में कोलोराडो यूनिवर्सिटी बोल्डर से PHD भी की थी।
कल्पना चावला ने फ्रांस के रहवासी जान पियर से शादी की थी। जो खुद एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।
उन्होंने साल 1988 में नासा (NASA) के महत्वाकांक्षी प्रजोक्ट लिए काम शुरू कर दिया था। जबकि, उनका सलेक्शन लगभग 6 साल बाद दिसंबर 1994 में स्पेस मिशन के लिए अंतरिक्ष-यात्री के तौर पर हुआ।
कल्पना चावला भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री थी।
उन्होंने साल 1991 में अमेरिका की नागरिकता हासिल कर ली थी।
वह अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ भी थी।
कल्पना चावला ने अपने पूरे जीवनकाल में दो बार अंतरिक्ष की यात्रा की थी। इसमें से पहली बार 19 नवंबर 1997 और दूसरी बार 16 जनवरी 2003 को अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी।
उनकी मौत के बाद 1 फरवरी 2003 को वापस लौटते समय यान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण हुई थी। उस दुर्घटना के समय उनके साथ सात अंतरिक्ष यात्री और भी सवार थे, जो सभी इस हादसे में मारे गए थे।
कल्पना चावला ने मारने से ठीक पहले कहा था कि,
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