दिल्ली हाई कोर्ट ने WhatsApp की अपील खारिज करते हुए जारी किया प्राइवेसी पॉलिसी पर बयान
राज एक्सप्रेस। दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाली करोड़ों लोगों की लोकप्रिय इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप WhatsApp (वॉट्सऐप) ने पिछले सालों के दौरान अपनी एक नई प्राइवेसी पॉलिसी को पेश करने की बात कही थी, जिसके बाद WhatsApp को लेकर कई विवाद उठ खड़े हुए थे। हालांकि, कंपनी ने उस समय के लिए नई पॉलिसी लागू करने का विचार त्याग दिया था और इस पॉलिसी को मई से लागू करने का फैसला किया था। इसके बाद वह पॉलिसी फिलहाल अब तक लागू नहीं की गई है, लेकिन वहीं, अब WhatsApp की यह पॉलिसी एक बार फिर चर्चा में हैं। WhatsApp की अपील वाले मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का बयान सामने आया है।
WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी फिर चर्चा में :
दरअसल, WhatsApp पिछले सालों के दौरान अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के चलते हुए काफी चर्चा में रहा था। उस समय कंपनी ने अपने बहुत से WhatsApp यूजर्स को भी खो दिया था। इसके बाद कंपनी ने अपनी तरफ से सफाई पेश की थी। वहीँ, अब दिल्ली हाई कोर्ट ने WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर कहा है कि, 'WhatsApp की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी ने अपने यूजर्स को 'टेक इट और लीव इट' सिचुएशन में छोड़ दिया है। WhatsApp पहले तो यूजर्स को अलग-अलग चॉइसेस का भ्रम देकर एग्रीमेंट के लिए मजबूर करता है। फिर अपनी पेरेंट कंपनी Facebook (Meta) के साथ उनका डेटा शेयर करता है।'
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपील की खारिज :
बताते चलें, कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया (CCI) ने WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए थे, लेकिन इन आदेश के बाद WhatsApp और Facebook ने दिल्ली हाई कोर्ट से CCI के आदेशों को खारिज करने को लेकर अपील की थी। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने इस अपील को खारिज करते हुए कहा है कि, 'WhatsApp के लिए भारत एक प्रमुख बाजार है और यहां कंपनी की पकड़ मजबूत है। ऐसे में यूजर्स दूसरे प्लेटफॉर्म पर जा नहीं सकते। इसका फायदा कंपनी ने उठाया है। इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप भारत में स्मार्टफोन के जरिए OTT (ओवर-द-टॉप) मैसेजिंग ऐप के मार्केट में एक प्रमुख स्थान रखता है।' हालांकि, इस WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी के चलते पिछले साल Signal और Telegram जेसी एप्स को काफी फायदा हुआ था।
बेंच ने सुनाया फैसला :
बताते चलें, यह फैसला चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच द्वारा सुनाया गया। वहीं, आज यानी शुक्रवार को कोर्ट का ऑर्डर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया।
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