सवालों की रेस में ChatGPT को लगता है बहुत सारा पानी
सवालों की रेस में ChatGPT को लगता है बहुत सारा पानीSyed Dabeer Hussain - RE

सवालों की रेस में ChatGPT को लगता है बहुत सारा पानी, जानिए इसकी वजह

ChatGPT को सवालों के जवाब देने के लिए कई लीटर पानी लगता है, और इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है कि ChatGPT को रोजाना कितने लीटर पानी लगता है।
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राज एक्सप्रेस। हमारे आसपास इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया विकसित होती जा रही है। इसी सूची में OpenAI के द्वारा बनाए गए ChatGPT का नाम भी शामिल है। महज कुछ महीनों के अंतराल में ही ChatGPT दुनिया भर में छा गया है। आलम यह है कि आज बड़ी तादाद में लोग ChatGPT से सवालों के जवाब लेने में लगे हुए हैं। लेकिन इस बीच ChatGPT को लेकर यूनिवर्सिटी और टेक्सास आर्लिंगटन और यूनिवर्सिटी ऑफ कोलाराडो रिवरसाइड के विशेषज्ञों के द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि ChatGPT को सवालों के जवाब देने के लिए कई लीटर पानी लगता है, और इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है कि ChatGPT को रोजाना कितने लीटर पानी लगता है। तो चलिए जानते हैं यह पूरा मामला क्या है?

ChatGPT को क्यों लगता है पानी?

जिस तरह जब हम इंसान किन्हीं सवालों के जवाब देते हैं तो हमें पानी की अत्यधिक जरूरत होती है। ठीक वैसे ही ChatGPT को भी सवालों के जवाब देते वक्त ठंडा रहने के लिए पानी की जरूरत होती है। यह पानी डाटा सेंटर को ठंडा रखने का काम करता है ताकि ChatGPT सही से काम कर सके। हालाँकि अलग मौसम में पानी का इस्तेमाल कम और ज्यादा होता रहता है लेकिन फिर भी बड़ी मात्रा में ChatGPT पानी को खर्च करता है।

कितना पानी खर्च करता है ChatGPT?

अनुमान लगाया जा रहा है कि ChatGPT को 20 से 50 सवालों के जवाब देने के लिए करीब 500ml पानी की आवश्यकता होती है। एक रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि OpenAI का वॉटर फूटप्रिंट काफी बड़ा है। जिसके चलते ट्रेनिंग के दौरान ही ChatGPT को लाखों लीटर पानी लग जाता है। लेकिन एक दिन में यूजर्स के सवालों का जवाब देने में कितना पानी खर्च होता है, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। क्योंकि आज के समय में दुनियाभर में लाखों लोग इसका अधिकता के साथ इस्तेमाल कर रहे हैं।

कैसे खर्च होता है पानी?

दरअसल ChatGPT के सर्वर रूम का तापमान 10 से 26 डिग्री के बीच में रखा जाता है। लेकिन मशीनों से निकलने वाली एनर्जी के चलते इस तापमान को मेंटेन रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कूलिंग टावर की सहायता ली जाती है और फ्रेश वाटर की मदद से तापमान कंट्रोल किया जाता है। यह पानी डाटा सेंटर में ह्यूमिडिफिकेशन सिस्टम में भी नमी बनाए रहने में मदद करता है।

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