दुनियाभर में बीते 6 महीने में हुई 5 लाख से ज्यादा छंटनी
दुनियाभर में बीते 6 महीने में हुई 5 लाख से ज्यादा छंटनीSocial Media

दुनियाभर में बीते 6 महीने में हुई 5 लाख से ज्यादा छंटनी, ज्यादातर टेक कंपनियों के नाम शामिल

लगातार जिन कंपनियों से छंटनी की खबर आई हैं उनमें ज्यादातर कंपनियां टेक या IT सेक्टर से जुड़ी थी। इसी बीच बीते 6 महीने में हुई छंटनी का हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है।
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Tech Companies layoffs : पिछले साल आखिरी महीने से जो देश-दुनिया में छंटनी का दौर शुरू हुआ है, यह अब तक जारी है। लगातार कंपनियों से छंटनी की खबरें सुनने में आ ही रही हैं। चाहे वो IT सेक्टर की कंपनी हो, एजुकेशन सेक्टर की हो या ऑटोमोबाइल की हो या किसी और सेक्टर की। आज मुश्किल से ही कोई सेक्टर ऐसा होगा जो छंटनी से अछूता रहा हो। पिछले साल से अब तक लगातार जितनी भी कंपनियों से छंटनी की खबर आई हैं यह लगभग सभी दिग्गज कंपनियां थी और इनमें से ज्यादातर कंपनियां टेक या IT सेक्टर से जुड़ी थी। इसी बीच बीते 6 महीने में हुई छंटनी का हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है।

6 महीने में हुई छंटनी का आंकड़ा :

दरअसल, कोरोना काल, रूस-यूक्रेन युद्ध, देश में लगातार बढ़ रही महंगाई, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भारत में बढ़ रही मंदी की आशंका जैसे और भी कई कारणों के चलते लगभग सभी सेक्टर की कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा है। जिसके चलते कंपनियां कॉस्ट कटिंग करने या नुकसान से बाहर आने की कोशिश में जुटी हैं। इसी बीच बीते 6 महीने में देश-दुनिया में कुल 5.38 लाख कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। बता दें, इतने कर्मचारियों की छंटनी कुल 760 कंपनियों द्वारा की गई है। इनमें ज्यातर कर्मचारी टेक कंपनियों से होने की खबर है। यदि हम एक अंदाजा लगाए तो, कुल छंटनी में लगभग एक तिहाई हिस्सा टेक कंपनियों का ही है।

यह कंपनियां भी है शामिल :

बताते चलें, बीते 6 महीनों में जिन सेक्टर की कंपनियों से सबसे जयदा छंटनी हुई है। उनमें टेक कंपनियों के अलावा रियल एस्टेट, कम्युनिकेशन, वित्तीय क्षेत्र, हेल्थकेयर व ऊर्जा समेत अन्य सभी सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। यदि हम आंकड़ों पर ध्यान दें तो, बीते 6 महीनों में कुल 5.38 लाख में आधा आंकड़ा मात्र 24 कंपनियों का ही है। वहीं, यदि हम सबसे कम छंटनी की बात करें तो, सबसे कम कर्मचारी ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों से निकाले गए हैं। क्योंकि, पूरे ऊर्जा क्षेत्र से देंखे तो मात्र 6 महीने में सिर्फ 4,000 छंटनी हुई हैं। जबकि इससे ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी किसी भी एक IT सेक्टर की कंपनी से हो चुकी है।

इन कंपनियों से हुई इतनी छंटनी :

  • Amazon - 27,101 कर्मचारियों की छंटनी

  • Meta - 21,000 कर्मचारियों की छंटनी

  • Accenture - 19,000 कर्मचारियों की छंटनी

  • Alphabet - 19,000 कर्मचारियों की छंटनी

  • Microsoft - 11,120 कर्मचारियों की छंटनी (यह टेक सेक्टर की कुल छंटनी का 5% है।

  • FedEx (लॉजिस्टिक क्षेत्र ) - 12,000 कर्मचारियों की छंटनी में कुल छंटनी का चार फीसदी हिस्सा है।

  • IKEA - 10,000 कर्मचारियों की छंटनी (रिटेल सेक्टर में कुल 6%)

  • फिलिप्स - 10,000 कर्मचारियों की छंटनी (हेल्थ सेक्टर में 13%)

विशेषज्ञों का कहना :

विशेषज्ञों का कहना है कि, 'लगातार बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर के मोर्चे पर सख्त रुख अपनाया। इसका सीधा असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं और कंपनियों की कमाई पर पड़ा है। राजस्व में कमी के बीच अपनी लागत घटाने और मुनाफा स्थिर रखने के लिए कंपनियों ने छंटनी का रास्ता अपनाया हुआ है। खासकर टेक कंपनियों ने।'

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