Adani Group के खिलाफ जारी Hindenburg रिपोर्ट पर सोमवार को होगी SC की अगली सुनवाई
SC hearing on Hindenburg report : इस साल की शुरुआत से ही भारतीय बिजनेसमेन गौतम अडानी (Gautam Adani) मुश्किलों के घेरे में आते जा रहे हैं। अडानी ग्रुप (Adani Group) और ग्रुप के मालिक पर अचानक आ पड़ी इतनी सारी मुश्किलों का कारण अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट है। उनके ऊपर एक-एक करके कई मुसीबतें आ चुकी हैं। चाहें वो कंपनियों के शेयर में गिरावट हो या Gautam Adani की नेटवर्थ में गिरावट। इन सबके बाद अब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के खिलाफ सुनवाई की गई। हालांकि, अभी अंतिम फैसला सामने नहीं आया है।
Adani Group के खिलाफ सुनवाई :
दरअसल, Hindenburg रिपोर्ट के चलते इन दिनों Adani Group का नाम अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई करते हुए सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा को लेकर उपाय पर सुझाव की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया सोमवार तक का समय :
सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की तरफ से मुकदमा देख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सोमवार तक का समय देते हुए कहा कि, 'वे इस मामले पर सोमवार को पूरी जानकारी लेकर उपस्थित हो। बता दें, कोर्ट में यह जनहित याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई है। दायर की गई याचिकाओं में किए गए दावों की मानें तो, 'Hindenberg ने शेयरों को शॉर्ट सेल किया जिससे 'निवेशकों को भारी नुकसान' हुआ। मीडिया प्रचार ने बाजारों को प्रभावित किया, और हिंडनबर्ग के फाउंडर नाथन एंडरसन भी भारतीय नियामक सेबी को अपने दावों का प्रमाण देने में विफल रहे। Hindenberg ने Adani Group के शेयरों को शॉर्ट सेल किया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।'
SEBI के सॉलिसिटर जनरल का कहना :
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की तरफ से मुकदमा देख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि, 'Hindenberg रिपोर्ट ने देश की छवि को धूमिल किया है। यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।'' तुषार मेहता ने कोर्ट से सवाल करते हुए पूछा कि, 'रिपोर्ट के बाद निवेशकों के हित सुरक्षित हैं या नहीं ?'
बैंंच का SEBI से कहना :
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बैंंच ने SEBI से कहा कि, 'सुप्रीम कोर्ट में कहा गया हर शब्द मार्केट के उतार-चढ़ाव पर असर करेगा, इसलिए कोर्ट में दलील देते समय इस बात का ध्यान रखा जाए। एडवोकेट एमएल शर्मा और विशाल तिवारी ने ये जनहित याचिकाएं दायर की हैं।'
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