Amazon-Future ग्रुप के बीच ख़त्म हो सकता विवाद, साफ़ होगा RIL का रास्ता

अब ऐसा लग रहा है कि, Amazon-Future ग्रुप की डील अब पूरी हो सकती है। क्योंकि इस विवाद को सुलझाने का प्रस्ताव गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
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राज एक्सप्रेस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरें सामने आईं थीं, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। काफी समय तक ये मामला कोर्ट में चलता रहा। वहीं, अब ऐसा लग रहा है कि, रिलायंस-फ्यूचर की डील अब पूरी हो सकती है। क्योंकि इस विवाद को सुलझाने का प्रस्ताव गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

साफ़ हो सकता दोनों कंपनियों का रास्ता :

दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल कारोबार की भागदौड़ देखने वाली कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने लगभग डेढ़ साल पहले किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के थोक व खुदरा कारोबार को खरीदने को लेकर एक डील करने वाली थी। जिसमे ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazon) के चलते कई रुकावट आरही थी, लेकिन अब जब Amazon और Future Group के बीच चल रहा मसला हल होता नजर आरहा है, तो ऐसा माना जा रहा है कि, अब RIL और Future की यह डील पूरी हो जाएगी। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि, इस डील को लेकर जो भी मुद्दा चल रहा है उसपर दोनों पक्षों के वकीलों ने कोर्ट के बाहर ही बात सुलझाने को लेकर सहमति जताई है। गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंपीठ के समक्ष Amazon ने Future ग्रुप से अपना विवाद समाप्त करने का प्रस्ताव रखा।

Amazon के वकील का कहना :

खबरों की मानें तो, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दोनों कंपनियों को इस चर्चा के लिए 12 दिन का समय दिया है ताकि वह आपस में मिलकर कोर्ट के बाहर ही इस मसले का हल निकाल लें। बता दें, कानूनी के द्वारा चल रही इस लड़ाई के चलते ही किशोर बियाणी की फ्यूचर कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। हालांकि, उधर Amazon के वकील गोपाल सुब्रमण्यन ने कहा कि, 'वह एक समाधान पेश कर रहे हैं। इस मामले के दूसरे समाधान भी हो सकते हैं, लेकिन हमने हमेशा बातचीत पर जोर दिया है। हमें मिलकर कोई समाधान खोजना चाहिए। हमने हमेशा माना है कि किसी मामले के अन्य समाधान भी हो सकते हैं... आइए हम सब मिलकर विचार करें। व्यापारिक समूहों के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर कूपन के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है।'

अगली सुनवाई में हो सकता फैसला :

बताते चलें, अब अगली सुनवाई 15 मार्च को होने वाली है और ऐसा माना जा रहा है इस मामले में अंतिम फैसला उस दिन सामने आ ही जाएगा। मामले में कोर्ट का कहना है कि, 'ऐमजॉन, फ्यूचर रिटेल (FRL) और इसके प्रमोटर फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड (FCPL) को समाधान खोजना चाहिए। यह बिजनेस के लिए बेहतर रहेगा। बता दें, फ्यूचर रिटेल के रिलायंस रिटेल को करीब 24,500 करोड़ रुपये में अपनी खुदरा संपत्ति बेचने के कदम पर फ्यूचर ग्रुप और एमेजॉन के बीच 25 अक्टूबर, 2020 से कानूनी लड़ाई चल रही है। विवाद समाप्त करने के प्रस्ताव के मद्देनजर खंडपीठ ने संबंधित अदालतों से इस मामले में कोई आदेश सुनाने पर रोक लगाने को भी कहा ताकि पक्षकारों को बातचीत करने की अनुमति मिल सके।

फ्यूचर ग्रुप के वकील का कहना :

फ्यूचर ग्रुप के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि, 'एमेजॉन देवताओं को हम नश्वर लोगों से बात करने के लिए नीचे आना होगा। अगर एमेजॉन बातचीत करना चाहता है तो उसके बॉस को (फ्यूचर ग्रुप के चेयरमैन किशोर बियाणी) को कॉल करने से क्या चीज रोक रही है?' न्यायमूर्ति रमना की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने साल्वे से कहा, "यह कहने के बजाय कि उन्हें फोन उठाना चाहिए और कॉल करना चाहिए, आप ऐसा होने की सुविधा क्यों नहीं देते?" इस पर श्री साल्वे ने कहा कि उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है। खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील साल्वे से कहा, "यदि आप कोई समाधान निकाल सकते हैं तो हमें बताएं। हम सुनेंगे और आदेश पारित करेंगे।"

Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्तें :

बताते चलें, Amazon द्वारा मध्यस्थता अदालत में दायर की गई याचिका में फ्यूचर ग्रुप द्वारा रिलायंस को अपने रिटेल असेट्स की बिक्री कर डील के तहत तय की गई शर्तो का उल्लंघन किया है। बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गई थी।

  • Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।

  • फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील :

Amazon द्वारा फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस की डील को लेकर दायर की गई याचिका पर मध्यस्थता अदालत ने रविवार को अंतिम फैसला सुनाया। बता दें इस फैसले में अगस्त में रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई 24,713 करोड़ रुपए की डील को केंसल कर दिया गया है। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा था। Amazon द्वारा याचिका दायर करने की मुख्य वजह यह है कि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी।

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