राज एक्सप्रेस। भारत के कई बड़े बैंकों के साथ घोटाला करने वाले आरोपी विजय माल्या की मुश्किलें कुछ बढ़ती नजर आ रही हैं। भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या कोरोना संकट के बीच एक बार फिर चर्चा में हैं। पिछले दिनों ब्रिटिश अदालत ने विजय माल्या की याचिका को खारिज कर उसकी मुश्किलें और अधिक बढ़ा दी थीं। वहीं, अब उसकी मुश्किलें एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा माल्या को कोर्ट में पेश होने के लिए दी गई दो हफ्तों की मोहलत ने बढ़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई माल्या की मुश्किलें :
दरअसल, एक बार फिर 65 वर्षीय विजय माल्या पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय माल्या को कोर्ट में पेश होने के लिए मात्र दो हफ्ते की आखिरी मोहलत दी है। कोर्ट द्वारा माल्या को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में उल्लंघन को लेकर खुद या अपने वकील को 24 फरवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने चेतावनी भी जारी की है कि, "अगर माल्या कोर्ट में पेश नहीं हुए या उनके वकील नहीं आये तो कोर्ट इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक लेकर जाएंगे। बता दें, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कई बार समन किए जाने पर भी विजय माल्या कोर्ट में अब तक पेश नहीं हुए।
कोर्ट ने बताया था :
बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में विजय माल्या को अवमानना के मामले में भी दोषी पाया था। उसके बाद से कोर्ट काफी समय से सामान कर रही है, लेकिन विजय माल्या कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और न ही एक भी बार भी कोर्ट में पेश हुए हैं। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिछले साल कहा था कि, "हम हमेशा के लिए विजय माल्या का इंतजार नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने माल्या को पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इससे पहले कोर्ट ने इस केस में 2017 के फैसले पर माल्या की पुनर्विचार की याचिका भी खारिज कर दी थी। इस मामले में माल्या को न्यायिक आदेशों का उल्लंघन करके बच्चों को चार करोड़ अमेरिकी डॉलर भेजने के लिए अवमानना का दोषी ठहराया गया था।"
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