सुप्रीम कोर्ट ने चंदा कोचर की याचिका खारिज कर उन्हें दिया बड़ा झटका

विवादों में घिरी ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आरही हैं। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने चंदा कोचर की याचिका खारिज करते हुए उन्हें बड़ा झटका दे दिया है।
Supreme Court dismissed the petition of Chanda Kochhar
Supreme Court dismissed the petition of Chanda KochharSyed Dabeer Hussain -RE
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राज एक्सप्रेस। बीते कई समय से ICICI बैंक और वोडाफोन मामले के चलते विवादों में घिरीं ICICI बैंक की पूर्व MD और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आरही हैं। क्योंकि, सुप्रीम कोर्ट ने चंदा कोचर की याचिका खारिज करते हुए उन्हें बड़ा झटका दे दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका :

दरअसल, चंदा कोचर ने ICICI बैंक की CEO और MD पद से बर्खास्तगी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। जबकि, इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा भी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, वह हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं देना चाहता है।

सुप्रीम कोर्ट नहीं देना चाहती हाईकोर्ट के फैसले में दखल :

बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इंकार करते हुए कहा है कि, 'यह मामला एक प्राइवेट बैंक और उनके कर्मचारी के बीच का है। इसे पर्सनल सर्विस कॉन्ट्रैक्ट का केस मानते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज करता है। बता दें, यह चंदा कोचर के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।

चंदा कोचर द्वारा दायर की गई याचिका :

ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD चंदा कोचर द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि, 'बैंक ने उन्हें फरवरी 2019 में टर्मिनेशन लैटर दिया। जबकि, अक्टूबर 2018 में ही उनकी जल्द रिटायर होने की अर्जी मंजूर हो चुकी थी।इसके अलावा कोचर ने 30 जनवरी 2019 को बैंक के चीफ HR ऑफिसर ने बताया था कि, उनके बैंक से अलग होने को बर्खास्तगी माना जाएगा। बोर्ड ने रिटायर्ड जस्टिस बी एन श्रीकृष्णा की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया था। साथ ही, उन्हें अप्रैल 2009 से मार्च 2018 के बीच मिले बोनस की रकम भी लौटाने को कहा गया। इस दौरान कोचर को 7.4 करोड़ रुपए का बोनस मिला था।'

विस्तार से पूरा मामला?

दरअसल वीडियोकॉन ग्रुप ने साल 2012 में ICICI बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के लोन की मांग की थी। इस लोन के लिए वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने साल 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। ध्यान रहें, NRPL कंपनी वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर व उनके दो अन्य रिश्तेदारों ने साथ मिलकर शुरू की थी। अब इस मामले में चंदा कोचर पर आरोप यह लगे हैं कि, उन्होंने इस कंपनी के लिए ICICI बैंक से लोन दिलवाने के लिए फर्जीवाड़ा किया है। गौरतलब है कि, वीडियोकॉन कंपनी द्वारा लिया गया यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का ही एक हिस्सा था, जिसे वीडियोकॉन ग्रुप ने SBI के नेतृत्व में कुल 20 बैंकों से लिया था।

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