भारत के भगोड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सरकार को सलाह

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भारत के भगोड़ों को माफ़ करने और इनपर चल रही कार्यवाही खत्म करने की सलाह दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों पर ऐसा करने की सलाह दी है।
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राज एक्सप्रेस। भारत के दो बड़े भगोड़े नीरव मोदी और विजय माल्या को आज भारत में शायद ही कोई न जनता हो और भी ऐसे बहुत से लोग हैं जो भारत को बड़ा चूना लगाकर विदेश भाग निकले। जहां हमारी सोच कुछ ऐसी है कि, भारत के साथ धोखा करने वालों को कभी माफ़ नहीं करना चाहिए वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इन्हें माफ़ करने और इनपर चल रही कार्यवाही खत्म करने की सलाह दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों पर ऐसा करने की सलाह दी है।

सुप्रीम कोर्ट की सरकार को सलाह :

दरअसल, आज भारत के कानून को सब हल्के में लेते है क्योंकि, भारत में कई बड़े अपराधियों को यू ही छोड़ दिया जाता है। वहीं, अब देश के भगोड़ों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को दी सलाह से साफ़ समझ आरहा है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सलाह दी है कि, यदि भगोड़े कारोबारी बैंकों से लिए पैसे का भुगतान करने के लिए तैयार हैं तो क्यों न उन्हें भारत लौटने दिए जाए साथ ही उनपर चल रही कानूनी कार्यवाहियों को भी रोकने का विचार किया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने अपने विचार रखे।

पीठ का कहना :

हेमंत एस हाथी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने मंगलवार को कहा कि, 'कानूनी कार्यवाही में कई वर्ष लगेंगे और एजेंसियां भगोड़े व्यवसायियों को वापस लाने के अपने प्रयास में सफल हो भी सकती हैं और नहीं भी। ऐसे में अगर भगोड़े कारोबारी पैसे लौटाने पर सहमत हैं तो सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर सकती है। इस पर भी विचार किया जा सकता है कि देश वापसी पर उनकी गिरफ्तारी न हो।

हाथी ने जताई ये इच्छा :

बताते चलें, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह सलाह तब दी है। जब हाथी ने सरकार को पैसे वापस करने की इच्छा जताई, लेकिन वापस आने पर एजेंसी द्वारा मुकदमा चलाए जाने और परेशान किए जाने से सुरक्षा की मांग की। हाथी का कहना है कि, 'उनकी कुल बकाया राशि 1,500 करोड़ रुपये से कुछ अधिक है, जिसमें से 600 करोड़ रुपये बैंकों को चुका दिए गए हैं, और 900 करोड़ रुपये की बकाया राशि वापस करने का आश्वासन दिया है। पीठ ने यह भी समर्थन किया कि राशि सरकार द्वारा स्वीकार की जाए।'

सुप्रीम कोर्ट की पीठ का कहना :

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "आप दुनिया भर में कई लोगों का पीछा कर रहे हैं लेकिन आप कुछ भी हासिल नहीं कर पाए हैं। यहां वह पैसे वापस करने की पेशकश कर रहा है। इसलिए कुछ आपराधिक कार्यवाहियों पर रोक लगाई जा सकती है और उन्हें वापस आने की अनुमति दी जा सकती है।" सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अगर वह लौटते हैं तो वह गिरफ्तारी नहीं करेंगे। हालांकि उन्होंने हाथी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को समाप्त करने और ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामले को आगे न बढ़ाने को लेकर आपत्ति व्यक्त की।"

सुप्रीम कोर्ट का कहना :

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, 'सरकार को चाहिए अगर भगोड़ा आर्थिक अपराधी वापस आता है और पैसे वापस करता है तो उसे तीन मोर्चों पर राहत देने पर विचार किया जाए। उसके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही रद्द की जानी चाहिए; उसे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए देश भर में यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए; और आपराधिक मामले में उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।'

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