शेयर बाजारः 28 मार्च को लागू होगा टी+0 सेटलमेंट का बीटा वर्जन, FPI को एडीशनल डिस्कोजर में छूट

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूत एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वैकल्पिक आधार पर टी+0 सेटलमेंट का बीटा वर्जन लागू करने को मंजूरी दे दी है।
Securities and Exchange Board of India (SEBI)
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हाईलाइट्स

  • टी+0 प्रणाली लागू होने के बाद उसी दिन हो जाएगा सेटलमेंट

  • भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में टी+1 प्रणाली पर काम कर रहा

  • शेयर बाजार मे्ं इसके पहले टी+2 प्रणाली से होता था निपटान

राज एक्सप्रेस । बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूत एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वैकल्पिक आधार पर टी+0 सेटलमेंट का बीटा वर्जन लागू करने को मंजूरी दे दी है। बीते दिवस बैठक के बाद सेबी ने बताया कि 25 शेयरों के सीमित सेट के लिए ब्रोकर्स के एक सीमित सेट साथ टी+0 सेटलमेंट का बीटा वर्जन लॉन्च करने को मंजूरी दे दी गई है। अगले तीन से छह माह तक इसकी प्रगति की निगरानी की जाएगी। इसके बाद टी+0 सेटलमेंट पर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा। सेबी ने कहा कि इस नए नियम से बाजार में तरलता बढ़ेगी और जोखिम भी कम होगा।

इसके साथ ही, सेबी ने एफपीआई को ट्रेड में आसानी के लिए कई छूटों का भी ऐलान किया। मार्केट रेगुलेटर ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जिस एफपीआई का 50% से अधिक निवेश किसी एक कॉर्पोरेट में है, उनके लिए एडिशनल डिस्क्लोजर में छूट दी गई है। अब तक एफपीआई को अपने डीडीपी को पहले दिए गए जानकारी में महत्‍वपूर्ण बदलावों का खुलासा सात वर्किंग डे के दौरान करना होता है।

सेबी ने कहा एफपीआई के बदलाव को दो कैटेगरी टाइप I और टाइप II में बांटा गया है। टाइप I के भौतिक बदलावों के बारे में एफपीआई को अपने डीडीपी को 7 वर्किंग डे के दौरान बताना होगा. वहीं इसके लिए सपोर्ट‍िंग डॉक्‍युमेंट देने के लिए बदलाव से 30 दिन का समय होगा। जबकि, टाइप 2 में विदेशी निवेशकों को दस्तावेजों के साथ बदलाव के 30 दिनों के भीतर जमा करना होगा।

इसके साथ ही आईपीओ लांच करने के नियम में भी कई बदलावों को मंजूरी दी गई है। सेबी ने आईपीओ लाने से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए आईपीओ के इश्यू साइज का 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट रखने की शर्त हटा दी है। इसके साथ ही मिनिमम प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन तय करने के नियम में भी छूट दी गई है। इश्यू साइज घटने या बढ़ने पर डीआरएचपी रि-फाइलिंग में भी छूट की मंजूरी दी गई है।

भारतीय शेयर बाजार इस समय टी+1 सेटलमेंट साइकल पर काम कर रहा है। टी+0 का अर्थ यह है कि शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन मे्ं कर दिया जाता है। सेबी ने टी+0 सेटलमेंट को दो चरणों में लागू करने का प्रस्ताव दिया है। टी+0 सेटलमेंट के पहले फेज में सेम-डे सेटलमेंट लागू किया जाएगा, खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वालों को उसी दिन उसके हिस्से का फंड अलाट कर दिया जाएगा।

इसका मतलब यह है कि इसमें अगर आप 1:30 बजे तक ट्रेड करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उसका सेटलमेंट हो जाएगा। जबकि, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी। आपको याद होगा कि पिछले दिनों सेबी की चेयरपर्सन माधुरी पुरी बुच ने कहा था कि हम अगले साल मार्च 2024 तक ट्रेड सेटलमेंट के समय को कम करके 1 घंटा करने और अक्टूबर 2024 तक तुरंत ट्रेड सेटलमेंट लागू करने पर काम कर रहे हैं।

सेटलमेंट सिस्टम का मतलब शेयर खरीदने वाले ट्रेडर के अकाउंट में शेयरों के ट्रांसफर और बेचने वाले के खाते में उसके शेयरों का बिक्री मूल्य ट्रांसफर करने से होता है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में टी+1 प्रणाली पर काम कर रहा है। इसके पहले टी+2 प्रणाली लागू थी। इसका मतलब यह हुआ कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके खाते में विजिबल हो जाते हैं। टी+2 प्रणाली के दिनों में यह दो दिनों में होता था।

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