भारतीय स्टार्टअप ADIF ने Google के खिलाफ खटखटाया दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा
राज एक्सप्रेस। कई बार ऐसा होता है कि, किसी बड़ी कंपनी द्वारा अन्य कंपनियों पर नियम थोप दिए जाते हैं। जो उनको किसी हाल में मंजूर नहीं होते। ऐसे में उनके पास कानून का सहारा लेने का अधिकार होता है। वहीं, अब खबर आई है कि, एक भारतीय स्टार्टअप ग्रुप 'एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन' (ADIF) ने Google जैसी दिग्गज कंपनी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया है। ग्रुप की याचिका Google की नई प्रणाली को लेकर दायर की गई है।
क्या है मामला ?
दरअसल, भारतीय स्टार्टअप ग्रुप एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) ने IT सेक्टर की 'गूगल' (Google) द्वारा जारी की गई नई इन-एप बिलिंग शुल्क प्रणाली पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में में ADIF द्वारा कहा गया था कि, 'Google की इन-एप बिलिंग शुल्क प्रणाली पर तब तक रोक लगनी चाहिए, जब तक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) अपने निर्देशों के कथित गैर-अनुपालन के लिए अमेरिकी कंपनी की जांच नहीं कर ले।
भारतीय स्टार्टअप की याचिका :
भारतीय स्टार्टअप ADIF ने अपनी याचिका में मांग करते हुए कहा है कि, CCI के अक्टूबर 2022 के आदेश के बावजूद Google अपनी उच्च सेवा शुल्क प्रणाली लागू कर रहा है और पैसे वसूल रहा है। उस आदेश में गूगल को इन-एप भुगतान के लिए थर्ड-पार्टी बिलिंग सेवाओं के इस्तेमाल की अनुमति देने का निर्देश दिया गया था। बता दें, स्टार्टअप द्वारा यह याचिका 10 अप्रैल को दायर की गई है। जोकि, कुल 744 पेज की की थी। हालांकि, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की तरफ से अब तक इस याचिका पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
Google नई प्रणाली लागू करने की तारीख :
बताते चलें, इस याचिका पर अब तक सुनवाई नहीं हुई है। क्योंकि, Google की कथित यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम (UCB) को लागू करने की 26 अप्रैल की तारीख पास आ रही है। जब तक यह सुनवाई पूरी नहीं होती तब तक कंपनी की UCB पर रोक लगाई जाए। हालांकि, खबर यह है कि, इस मामले में इस सप्ताह के अंत तक सुनवाई हो सकती है। उधर, CCI द्वारा इसपर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई हैऔर न ही Google ने इसपर कुछ कहा है।
भारतीय स्टार्टअप का कहना :
इस मामले पर भारतीय स्टार्टअप का कहना है कि, 'Google की यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम (UCB) प्रणाली अब भी एप डेवलपर्स से 11-26% तक सेवा शुल्क वसूल रही है। अमेरिकी कंपनी ने हाल ही में एप डेवलपर्स के लिए अपनी बिलिंग जरूरतों में बदलाव किया है। अगर कोई उपयोगकर्ता वैकल्पिक बिलिंग प्रणाली के जरिये भुगतान करता है तो गूगल प्ले सेवा शुल्क 4% कम हो जाएगा।' जबकि Google का इसपर कुछ और ही कहना है, 'Google ने कहा था कि, 'किसी भी गलत कार्य से इन्कार करते हुए CCI के आदेश को चुनौती दी है। नई सेवा शुल्क प्रणाली गूगल प्ले एप स्टोर (Google Play app store) और एंड्रॉयड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में निवेश का समर्थन करती है।'
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