हाइलाइट्स –
EV Production रोकने का मामला
MoRTH ने खबरों का किया खंडन
Okinawa, Ola, Pure EV, Jitendra EV प्रभावित
राज एक्सप्रेस (rajexpress.co)। देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों (ectric vehicle/EV) की बैटरी में आग लगने, चार्ज न होने जैसी समस्याओं के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माताओं (EV makers) को निर्माण रोकने के सरकारी निर्देश से जुड़ीं खबरों का यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (Union Ministry of Road Transport and Highways/MoRTH) ने खंडन किया है। मॉर्थ (MoRTH) ने कहा कि ईवी फायर इंसिडेंट्स (EV fire incidents) की जांच होगी।
EV battery fire incidents -
मीडिया में जारी 28 अप्रैल की खबरों के मुताबिक सरकार ने ईवी निर्माताओं (EV makers) से दोपहिया वाहनों (two-wheeler) की लॉन्चिंग स्थगित करने को कहा था। देश भर में ईवी बैटरी में आग लगने की घटनाओं (EV battery fire incidents) के बाद यह निर्देश आने की खबरों में जानकारी दी गई थी।
बैटरी की खराबी -
मार्च के महीने के दौरान देश भर में विभिन्न कंपनियों की इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी की खराबी से जुड़ी घटनाएं एक के बाद एक उजागर हुईं। सोशल मीडिया पर बैटरी की वजह से ईवी (EV) में आग लगने/लगाने की घटनाओं में देश में एकाएक वृद्धि देखी जा रही है।
इन घटनाओं से जुड़े वीडियोज के सामने आने से इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण इंडस्ट्री (Electric Vehicle Production Industry) पर ग्रहण सा लगता दिख रहा है।
खबरों के अनुसार देश भर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में बैटरी से संबंधित आग की हालिया घटनाओं (EV battery fire incidents) के आलोक में, केंद्र सरकार ने सभी e2W (electric two-wheeler/इलेक्ट्रिक दोपहिया) ब्रांडों को बाजार में कोई भी नया उत्पाद लॉन्च करने से परहेज करने के लिए कहा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने हाल ही में राजधानी में एक बैठक की, जिसमें बैटरी से संबंधित आग (Battery-related fires) में वृद्धि पर चर्चा की गई, जो एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय बन गई है।
जबकि e2W निर्माता मौजूदा मॉडल बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, कई ने इन आग के कारणों की जांच करने के लिए रिकॉल जारी किया है।
Okinawa, Pure EV, Ola Electric Vs EV Market -
ओकिनावा (Okinawa) ने 3,215 स्कूटरों का सबसे बड़ा रिकॉल जारी किया। प्योर ईवी (Pure EV) पिछले साल से आग से संबंधित घटनाओं से परेशान है।
ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने 1,441 स्कूटरों की बाजार से वापसी की है। ईवी मार्केट (EV Market) से यह वापस बुलाए गए स्कूटरों की संख्या का एक बड़ा हिस्सा है।
गौरतलब है कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्कूटरों को समय पर वापस नहीं लेने पर ब्रांड्स पर पेनाल्टी लगाने की चेतावनी दी थी। खबरों में दर्ज था कि, ताजा निर्देश के अनुसार, जिन ब्रांड्स ने बैटरी से संबंधित आग लगने की समस्या का सामना नहीं किया हो, वे भी इस साल कोई ई-स्कूटर लॉन्च नहीं करेंगे।
खबरों का सरकार ने किया खंडन -
ईवी बैटरी विफलता (EV Battery Failure) के बाद निर्माताओं को नई पेशकश रोकने संबंधी खबरों का सरकार ने खंडन किया है। परिवहन मंत्रालय (Transport Ministry) ने रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि, ईवी निर्माताओं (EV Makers) को उत्पादन बंद करने के लिए नहीं कहा है।
गुरुवार देर रात ट्विटर के जरिये केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया है कि सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मद्देनजर बाजार में कोई भी नया उत्पाद लॉन्च करने से परहेज करने के लिए कहा है। ट्वीट पढ़िये- सौजन्य ट्विटर
MoRTH के ट्वीट में दर्ज है कि, "मीडिया के एक वर्ग ने बताया है कि MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माताओं से आग की घटनाओं की जांच होने तक नए वाहन लॉन्च नहीं करने के लिए कहा है। मंत्रालय स्पष्ट करना चाहता है कि ऐसा कोई निर्देश नहीं है और ऐसी खबरें निराधार, भ्रामक और सच्चाई से बहुत दूर हैं।"
इसके अलावा MoRTH ने पीआईबी फैक्ट चेक के ट्वीट को री ट्वीट भी किया है जिसमें बताया गया है कि, सरकार की ओर से ऐसे कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। पढ़िये- सौजन्य ट्विटर
गडकरी की चेतावनी -
इसके पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ईवी निर्माताओं को सभी दोषपूर्ण दोपहिया वाहनों को वापस बुलाने के लिए आगाह करते हुए कहा कि कुछ ईवी बैटरी को अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जिससे (अधिक तापमान) देश वर्तमान में गुजर रहा है।
इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार ईवी को जनता के बीच अधिक लोकप्रिय बनाना चाहती है, मंत्री ने कहा कि ईवी उद्योग अभी शुरू हुआ है। उन्होंने कहा, "हम कोई बाधा नहीं डालना चाहते हैं लेकिन सुरक्षा पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।"
गडकरी ने ईवी निर्माताओं को चेतावनी दी थी कि यदि कोई कंपनी उनकी प्रक्रियाओं में लापरवाही बरतती है, तो "भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का भी आदेश दिया जाएगा।"
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब देश इलेक्ट्रिक वाहनों में आग और उनमें घातक बैटरी विस्फोटों के दौर से गुजर रहा है।
ये ब्रांड्स प्रभावित -
देश में अब तक प्योर ईवी (Pure EV) के तीन, ओला (Ola) के एक, ओकिनावा (Okinawa) के दो और जितेंद्र ईवी स्कूटर (Jitendra EV scooters) के 20 वाहनों में आग लग चुकी है, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
अग्नि दुर्धटनाओं की जांच होगी -
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने के कई मामलों के बीच, सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने (Giridhar Aramane) ने रविवार को कहा कि प्रत्येक घटना की जांच की जाएगी और कहा कि भारतीय ईवी उद्योग; समृद्ध होने और 'हमारी कल्पना' से आगे बढ़ने के लिए बाध्य है।
उन्होंने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने केंद्र की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के हिस्से के रूप में वित्त वर्ष 2022 में लगभग 21,000 करोड़ रुपये का कुल संपत्ति मुद्रीकरण मूल्य हासिल किया है। उन्होंने कहा, "हर घटना (इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की) की जांच की जाएगी।"
हाल ही में, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी/EV) में आग लगने और लोगों की मौत और गंभीर रूप से घायल होने की कई घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि अगर निर्माता जल्दी से आवश्यक कार्यात्मक सुरक्षा प्रोटोकॉल, गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली स्थापित करें तो इन घटनाओं पर विराम लगाया जा सकता है।
अरमाने ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ पैनल ने अपनी रिपोर्ट जमा नहीं की है। उन्होंने कहा, "सभी समस्याओं और खरीद, डिजाइन, प्रबंधन, संचालन, बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण की जांच की जानी है।"
राइड-हेलिंग ऑपरेटर (ride-hailing operator) ओला (Ola) की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शाखा द्वारा लॉन्च किए गए एक ई-स्कूटर (e-scooter) में पुणे में आग लगने के बाद सरकार ने पिछले महीने जांच के आदेश दिए थे।
CFEES को जिम्मा -
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (सीएफईईएस) को उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया है जिनके कारण यह घटना हुई। साथ ही उसे उपचारात्मक उपाय भी सुझाने का जिम्मा सौंपा गया है।
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डिस्क्लेमर – आर्टिकल मीडिया एवं एजेंसी रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त जानकारी जोड़ी गई हैं। इसमें प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।
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