कल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी अंतरिम बजट
इस अंतरिम बजट से निवेशकों ने लगा रखी हैं बड़ी उम्मीदें
बजट में देखी जा सकती है केंद्र की प्राथमिकताओं की झलक
राज एक्सप्रेस । केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण कल एक फरवरी को देश का अंतरिम बजट पेश करेंगी। अंतरिम बजट में आम तौर पर नई घोषणाएं नहीं की जाती हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि अंतरिम बजट में कोई नई घोषणा नहीं की जाएगी, केवल जरूरी खर्चों का ही प्रावधान किया जाएगा। लेकिन आम धारणा यह है कि अंतरिम बजट में केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं की झलक देखी जा सकती है। यही वजह है कि निवेशक अंतरिम बजट का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं। इस साल अप्रैल-मई में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल में हमेशा ही शेयर बाजार में अच्छा उतार चढ़ाव देखने को मिलता है।
इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद साल के अंत में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं। इसलिए माना जा रहा है कि यह साल निवेशकों के लिहाज से काफी अहम रहने वाला है। निवेशक उन सेक्टर्स के बारे में कयास लगा रहे हैं, जिनमें कल गुरुवार को अंतरिम बजट आने के बाद मुनाफा दिखाई दे सकता है। राज एक्सप्रेस ने शेयर बाजार के विशेषज्ञों से यह जानने का प्रयास किया कि अंतरिम बजट से किस सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में ग्रोथ दिखाई दे सकती है। इस सवाल के जवाब में कल्पतरु मल्टीप्लायर्स के एमडी और मुख्य निवेश सलाहकार आदित्य मनिया जैन ने कहा यह अंतरिम बजट है, इस लिए इसमें सरकार की आर्थिक प्राथमिकताओं की साफ झलक देख पाना कठिन है।
हालांकि, अंतरिम बजट से हम केंद्र सरकार की तात्कालिक प्राथमिकताओं की झलक देख सकते हैं। जिनके आधार पर हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि भविष्य में किन सेक्टर्स और स्टॉक्स में ग्रोथ देखने को मिल सकती है। आदित्य मनिया जैन ने कहा कि कई सेक्टर्स हैं, जिनमें तात्कालिक, मध्यम और लंबी अवधि के लिहाज से निवेश के अच्छे मौके दिखाई दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सेक्टर पर गौर करने की जरूरत है, जिन्हें सरकार के पूंजीगत खर्च से फायदा होने वाला है। मेरे हिसाब से इस साल एनर्जी, हेल्थ, ईवी, डिफेंस, आटो मोबाइल, इंफ्रा और सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करेंगी।
ग्रीन एनर्जी से जुड़ी कंपनियां पिछले काफी समय से अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। आप मान कर चल सकते हैं कि इनका प्रदर्शन निवेश के लिहाज से अगले दिनों में भी लाभ देने वाला रहेगा। इन कंपनियों को आप मध्यम और लंबी अवधि के लिए होल्ड करके भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यह बात गौर करने की है कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रही है। यह स्थिति हमेशा ही निवेशकों के लिए बेहतर संभावनाएं जगाती है। देश की अर्थव्यवस्था संतोषजनक गति से विकास कर रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति वैश्विक एजेंसियों का भरोसा बना हुआ है। केंद्र सरकार का जोर आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने पर है।
ऐसे में माना जा सकता है कि सरकार की प्राथमिकता वाले सेक्टर्स में पूंजी का प्रवाह बना रहेगा। इसका मतलब है कि इन सेक्टर्स में पहले से तेजी का क्रम आगे भी जारी रहने वाला है। स्पार्क कैपिटल वेल्थ मैनेजमेंट के डायरेक्टर (इक्विटी एडवायजरी) देवांग मेहता ने कहा अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। फिर इस साल के आखिर में अमेरिका में राष्ट्रपति के लिए चुनाव होने वाले हैं। इसलिए यह साल काफी अहम है। हालांकि, इंटरेस्ट रेट, इनफ्लेशन और जियोपॉलिटिकल टेंशन पर करीबी नजरें बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों को स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव को स्वीकार करना होगा। उन्हें इससे डरने की जरूरत नहीं है।
इस साल जुलाई में पूर्ण बजट आएगा। एक फरवरी को अंतरिम बजट आने वाला है। चूंकि यह मोदी सरकार का आखिरी बजट है, जिससे इससे काफी उम्मीदें हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स, मोशन मैनेजमेंट, ग्रीन एनर्जी, डिस्क्रेशनरी कंजम्प्शन और हेल्थकेयर हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सेक्टर्स को बजट में होने वाले ऐलान से सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का खर्च जीडीपी का 1.13 फीसदी रहा है। बजट में सरकार के तय लक्ष्य के हिसाब से वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी के 3.3 फीसदी तक बढ़ाने की उम्मीद है।
सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च बढ़ाया है। केंद्र सरकार का रेलवे, डिफेंस और रोड पर ज्यादा फोकस देखने को मिला है। इसलिए इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेशकों को उम्मीद दिखाई दे सकती है। अंतरिम बजट के बाद निवेश के लिहाज से किन सेक्टर्स पर फोकस रहने वाला है? ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन और कृषि विकास केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ा सकती है। प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है।
अंतरिम बजट के बाद निवेश के लिहाज से कौन से सेक्टर्स फोकस में रहने वाले हैं? जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मध्यप्रदेश हेड विनोद बबेरवाल ने कहा कि सरकार की वरीयताओँ के आधार पर हम अंतरिम बजट के बारे में मोटा-मोटा अनुमान लगा सकते हैं। सरकार का जोर डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, रेल नेटवर्क के विकास, ऊर्जा उत्पादन बढाने, इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल बढ़ाने पर रहेगा। इंफ्रा, ग्रीन एनर्जी, आटो सेक्टर और कृषि विकास भी सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने रहेंगे। इन सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों में ग्रोथ देखने को मिलेगी। इसका मतलब यह हुआ कि चुनावी साल में शेयर बाजार में गतिशीलता बनी रहने वाली है और प्राथमिकता वाले सेक्टर्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
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