SEBI ने म्यूचअल फण्ड की फ्लैक्सी कैप कैटेगरी की लांच

SEBI ने म्यूचुअल फंड में एक नई कैटेगरी को लांच किया है। SEBI ने इस कैटेगरी को फ्लैक्सी कैप नाम से लांच किया है।
SEBI launches Flexi cap category of mutual fund
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राज एक्सप्रेस। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) कई समय से म्यूचअल फण्ड में बदलाव करता हुआ और नई स्कीम पेश करते आ रहा है। इस बार SEBI ने म्यूचअल फण्ड में एक नई कैटेगरी को लांच किया है। इस कैटेगरी को SEBI ने फ्लैक्सी कैप का नाम दिया है। नाम से ही आप समझ पा रहे होंगे कि, SEBI म्यूचअल फण्ड में और अधिक फ्लैक्सिबिलिटी देना चाहता है। यही कारण है, उसने यह नई कैटेगरी को मार्केट में लांच किया है।

कंपनियां आसानी से बदल सकती है पुरानी स्कीम को नई स्कीम में लेकिन कुछ शर्तों के साथ-

म्यूचअल फण्ड कंपनियों अब चाहे तो, वो वर्तमान स्कीम को फ्लैक्सी कैप फण्ड में आसानी से बदल सकती है साथ ही इसके तहत और नई स्कीम भी लांच कर सकती है, लेकिन सेबी की एक शर्त है स्कीम का नाम फ्लैक्सी कैप फण्ड पे ही रखना होगा। ताकि ग्राहकों को समझने में इसे आसानी हो सके।

क्या है फ्लैक्सी कैप फण्ड ?

यह फ्लैक्सी कैप फण्ड इक्विटी स्कीम के अधीन होगी। इस स्कीम के अनुसार, सेबी की मानें तो, इक्विटी एवं इक्विटी से संबंधित संसाधनों में कुल असेट्स का 65% निवेश किया जा सकता है। हम यह कह सकते हैं। यह एक प्रकार की ओपन एंडेड डायनॉमिक इक्विटी सकीम होगी। जो सभी प्रकार के लार्ज कैप, मिड कैप एवं स्माल कैप के शेयरों में निवेश करेगी। जो कि पहले ऐसा संभव नही था पहले। लार्ज कैप, मिड कैप, एवं स्मॉल कैप 25-25% के हिसाब से इन्वेस्ट होता था। लेकिन अब इसकी सीमाएं बढ़ा दी गयी हैं।

कल बढ़ाई थी सेबी ने ओवरसीज निवेश की सीमा :

  • कल SEBI ने म्यूचअल फण्ड में ओवरसीज फण्ड हाउस की सीमा 30 करोड़ डॉलर से बढ़ा कर 60 करोड़ डॉलर कर दी थी।

  • साथ ही घरेलू म्यूचअल फण्ड द्वारा ओवरसीज ETF (ईटीएफ) की निवेश सीमा में भी वृद्धि कर दी थी। जो 5 करोड़ डॉलर से 20 करोड़ डॉलर हो गयी थी।

अनुपयोगी सीमा की शेष राशि नहीं हो सकेगी इन्वेस्ट :

म्यूचअल फण्ड के पास विदेशी बाजारों की सेक्युरिटीज़ या ईटीएफ में अनुपयोगी सीमा की शेष राशि का निवेश करने का अवसर इनके पास नही होगा। जिससे पारदर्शिता भी आएगी। वैसे कंपनियां विदेशी बाज़ार या ईटीएफ में निवेश करने वाली या अनुमति प्राप्त कर चुकी स्कीम तीन माह की औसत एसेट्स अंडर मैनेजमेंट का 20 % तक का ही निवेश विदेशी बाज़ार में कर सकती है।

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