राज एक्सप्रेस। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है। वहीं, हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरे सामने आई थी, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। हालांकि, अब जब ये मामला निष्कर्ष पर पहुंच गया है तब इस अंतिम फैसले से जेफ़ बेजोस को बड़ा झटका लगा है।
डील में आ रही अटकलें हुईं दूर :
दरअसल, अब रिलायंस रिटेल वेंचर और फ्यूचर ग्रुप की इस डील में आ रही सभी अटकलें अब दूर हो गईं हैं। क्योंकि, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने दोनों कंपनियों की इस डील को मंजूरी देदी है। बता दें यह डील कुल 24,713 करोड़ रुपये में तब पूरी हो सकी, जब SEBI ने इस डील को लेकर मंजूरी देदी। इस खबर से रिलायंस-फ्यूचर को तो बड़ी राहत मिली है, लेकिन अमेरीका की ई-कॉमर्स कंपनी Amazon को बड़ा झटका मिला है। क्योंकि, वह शुरुआत से ही इस डील के खिलाफ थी और लाख कोशिशों के बाद भी वह इस डील को पूरा होने से नहीं रोक सकी।
फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस को दिए कई कारोबार :
बताते चलें, दोनों कंपनियों के बीच हुई इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा था। हालांकि, Amazon ने इस डील को लेकर ऐतराज इसलिए जताया था क्योंकि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी और तब दोनों कंपनियों के बीच कुछ शर्ते रखी गई थीं। Amazon में मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने इन शर्तो का उल्लंघन किया था।
Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्ते :
बता दें, Amazon द्वारा मध्यस्थता अदालत में दायर की गई याचिका के अनुसार, फ्यूचर ग्रुप द्वारा रिलायंस को अपने रिटेल असेट्स की बिक्री कर डील के तहत तय की गई शर्तो का उल्लंघन किया है। बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गई थी।
Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।
Amazon की डील रोकने के लिए लाख कोशिशें :
Amazon कंपनी पिछले साल से ही दोनों कंपनियों की इस डील को रोकने की लगातार कोशिशें कर रही थी। इतना ही नहीं Amazon कंपनी ने इस डील के विरोध में भारतीय SEBI , स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों को कई पत्र तक लिखे थे। इन पत्रों के माध्यम से Amazon डील को अनुमति न देने का अनुरोध करती रही, लेकिन इन सभी कोशिशों को एक तरफ करते हुए SEBI ने कुछ शर्तों के साथ इस डील को मंजूरी दे दी है।
NCLT की मंजूरी मिलना बाकी :
बताते चलें, अब जब इन दोनों कंपनियों की डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और SEBI की मंजूरी मिल चुकी है। तब अब भी इस डील में कुछ अड़चने आरही हैं क्योंकि, अब भी इस डील को NCLT की मंजूरी मिलना बाकी है। SEBI नेइस डील से जुड़ी पूरी जानकारी फ्यूचर के शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करने के आदेश जारी किए हैं।
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