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सैट ने चंद्रा व गोयनका के खिलाफ सेबी का आदेश रद्द किया, जांच के दौरान बने रहेंगे कंपनी बोर्ड का हिस्सा

सिक्यूरिटीज एपीलेट ट्रिब्यूनल (एसएटी) ने ज़ी एंटरटेनमेंट के सीईओ पुनीत गोयनका के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश को रद्द कर दिया है।
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हाईलाइट्स

  • इस साल जून में सेबी ने सुभाष चंद्रा और पुनित गोयनका को ज़ी समूह की कुछ कंपनियों में निदेशक बनने से रोक दिया था।

  • सेबी के आदेश के मुताबिक सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका विलय के बाद बनने वाली किसी भी इकाई में निदेशक नहीं बन सकते

  • सिक्यूरिटीज एपीलेट ट्रिब्यूनल या प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने रद्द किया सेबी का यह फैसला

राज एक्सप्रेस। सिक्यूरिटीज एपीलेट ट्रिब्यूनल या प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) ने सोमवार को ज़ी एंटरटेनमेंट के सीईओ पुनीत गोयनका के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही पुनीत गोयनका को प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) बरकरार रखने की अनुमति दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस साल जून माह में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एस्सेल समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा और पुनित गोयनका को ज़ी समूह की कुछ कंपनियों ज़ी एंटरटेनमेंट लिमिटेड, ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन, ज़ी मीडिया कॉर्प और ज़ी आकाश न्यूज़ में निदेशक बनने से रोक दिया था। सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि दोनों ने 2019 में ज़ी एंटरटेनमेंट के निदेशकों के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कथित तौर पर अपने फायदे के लिए धन की हेराफेरी की थी।

इस जानकारी का तब खुलासा हुआ जब सेबी एस्सेल समूह की संबंधित संस्थाओं का ऋण चुकाने के लिए यस बैंक द्वारा ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज की कुछ सावधि जमा से संबंधित मामले की जांच कर रहा था। सेबी के आदेश के मुताबिक चंद्रा और गोयनका विलय के बाद बनने वाली किसी भी इकाई में निदेशक नहीं बन सकते। 2021 में ज़ी समूह ने सोनी इंडिया के साथ ज़ी के विलय की घोषणा की थी। विलय का उद्देश्य 70 से अधिक टीवी चैनलों, दो वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाओं (जी5 और सोनीलिव) और दो फिल्म स्टूडियो (जी स्टूडियोज और सोनी पिक्चर्स फिल्म इंडिया) को एक साथ लाना था। ज़ी-सोनी विलय को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने इस साल 10 अगस्त को आईडीबीआई ट्रस्टीशिप, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस फाइनेंस, जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और आईमैक्स कॉर्प सहित ज़ी के ऋणदाताओं की आपत्तियों को खारिज करते हुए मंजूरी दे दी थी।

हालाँकि, सेबी के एक अंतरिम आदेश के कारण विलय में विलंब हुआ । इस आदेश की वजह से गोयनका को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक पद पर नियुक्ति को प्रतिबंधित कर दिया था। सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अपने आदेश में कहा कि जेडईईएल के एमडी और सीईओ के रूप में पुनित गोयनका का आचरण धोखाधड़ी को रोकने के मानदंडों का उल्लंघन करने वाला पाया गया है। माधवी पुरी बुच ने कहा उनकी हरकतें जेडईईएल के 96 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के हितों का उल्लंघन करती हैं, जिससे उन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाना जरूरी हो गया है। इस बीच, ज़ी एंटरटेनमेंट के शेयर बीएसई पर 1.24 प्रतिशत बढ़कर 252.20 रुपये पर और एनएसई पर 1.14 प्रतिशत बढ़कर 252 रुपये पर पहुंच गए हैं।

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