खतरे में है RIL और अरामको की डील, कंपनियों ने पुनर्मूल्यांकन पर जताई सहमति

पिछले साल RIL और अरामको की डील पर उठ रहे सवालों का जबाव देते हुए सऊदी अरामको ने डील होने की बात कही थी, लेकिन अब अचानक यह डील रद्द होने की खबर सामने आई है।
खतरे में है RIL और अरामको की डील, कंपनियों ने पुनर्मूल्यांकन पर जताई सहमति
खतरे में है RIL और अरामको की डील, कंपनियों ने पुनर्मूल्यांकन पर जताई सहमतिKavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। पिछले साल काफी चर्चा में रही दुनिया का की सबसे बड़ी कच्चा तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) और भारत की जानी-मानी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की साझेदारी की कई महीनों से कोई खबर सामने न आने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में आई कमी के चलते इस डील को लेकर सवाल उठने लगे थे। कि, यह डील होगी या नहीं ? तब पिछले साल ही इन सवालों का जबाव देते हुए सऊदी अरामको ने डील होने की बात कही थी, लेकिन अब अचानक यह डील रद्द होने की खबर सामने आई है।

RIL और अरामको की डील रद्द :

दरअसल, पिछले साल के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कई डील्स फाइनल कर लाभ कमाया था। उसी समय RIL और अरामको की डील होने की खबरे सामने आई थी, लेकिन काफी समय तक इस डील से जुड़ी कोई खबर सामने नहीं आई और अब शुक्रवार 19 नवंबर को रिलायंस इंडस्ट्रीज घोषणा कर डील कैंसिल होने की जानकारी दी। कंपनी ने इस बारे में एक्सचेंजों को जानकारी देते हुए एक बयान में बताया है कि, 'सऊदी अरामको द्वारा अपने O2C (Oil to Chemical) व्यवसाय में प्रस्तावित हिस्सेदारी का अधिग्रहण अब रद्द कर दिया गया है। सऊदी अरामको के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने O2C व्यवसाय में प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है।'

रिलायंस इंडस्ट्रीज का बयान :

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बयान में कहा कि “रिलायंस के व्यापार पोर्टफोलियो की विकसित प्रकृति के कारण, रिलायंस और सऊदी अरामको ने पारस्परिक रूप से निर्धारित किया है कि दोनों पक्षों के लिए बदले हुए संदर्भ के आलोक में O2C व्यवसाय में प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करना फायदेमंद होगा। रिलायंस ने कहा कि O2C कारोबार को अलग करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के समक्ष किए गए आवेदन को वापस लिया जा रहा है।'

RIL ने बयान में आगे कहा :

RIL द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया है कि, "पिछले दो साल के दौरान दोनों कंपनियों की टीमों ने कोविड-19 की वजह से लागू अंकुशों के बावजूद जांच-परख की प्रक्रिया के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए। यह दोनों संगठनों के लंबे समय से चले आ रहे रिश्तों तथा आपसी समझ से संभव हो पाया। RIL भारत में निजी क्षेत्र में निवेश के लिए सऊदी अरामको की भागीदार बनी रहेगी और सऊदी अरब में निवेश के लिए सऊदी अरामको और एसएबीआईसी (SABIC) के साथ सहयोग करेगी। सऊदी अरामको और RIL के बीच बहुत गहरा, मजबूत और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध हैं, जिसे पिछले 25 वर्षों में दोनों कंपनियों द्वारा विकसित और पोषित किया गया है। दोनों कंपनियां सहयोग करने और आने वाले वर्षों में संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

15 बिलियन डॉलर की डील :

बता दें, यदि सऊदी अरामको और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच यह डील होती है तो RIL सऊदी अरामको कंपनी की एडवासं टेक्नोलॉजी का फायदा ले सकेगी। अरामको RIL में हिस्सेदारी खरीदने के लिए निवेश करेगा और यह डील फाइनल होते ही रिलायंस के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में अरामको को 20% हिस्सेदारी हासिल हो जाएगी। सऊदी अरामको की रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में यह 15 बिलियन डॉलर निवेश की डील है। बता दें, कंपनी कंपनियों की यह डील चर्चा में पहली बार अगस्त, 2019 में आई थी।

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