राज एक्सप्रेस। रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की कंपनी फ्यूचर ग्रुप और जेफ़ बेजोस की कंपनी अमेजन के बीच रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड (RIL) की डील को लेकर चल रहे विवाद को लेकर अब फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट का दवाजा खटखटाया था। इसके बाद RIL से डील केंसिल हो गई थी। वहीं, अब रिलायंस इंडस्ट्री ने बड़ा फैसला लिया है।
रिलायंस इंडस्ट्री ने लिया बड़ा फैसला :
दरअसल, Amazon और Future ग्रुप के बीच चल रही डील पर मामला कोर्ट पहुंच चुका था। इन सब मुकदमेबाजी के चलते रिलायंस इंडस्ट्री (RIL) ने बड़ा फैसला लेते हुए फ्यूचर रिटेल स्टोर्स की कमान अपने हाथ में ले कर अपने कर्मचारियों को नौकरियों की पेशकश की है। जबकि, Future ग्रुप, अमेजन के साथ हुई डील की बिक्री को लेकर अदालत में मुकदमा लड़ ही रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि, 'रिलायंस रिटेल ने उस जगह पर कब्जा करना शुरू कर दिया है, 'जिसमें फ्यूचर रिटेल अपने स्टोर जैसे बिग बाजार को चला रहा है और उन्हें अपने ब्रांड स्टोर से बदल दिया है और फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के कर्मचारियों को नौकरी देना और उन्हें रिलायंस रिटेल के पेरोल पर लाना भी शुरू कर दिया है। हालांकि अमेजन ने इस पर कोई कमेंट करने से इनकार कर दिया।'
लैंडलोर्ड ने रिलायंस से कॉन्टैक्ट किया :
खबरों की माने तो, अगस्त 2020 में सौदे की घोषणा के बाद कई लैंडलॉर्ड ने रिलायंस से संपर्क किया था। क्योंकि, फ्यूचर रिटेल किराए का पेमेंट नहीं कर पाए। जिसके बाद रिलायंस ने इन लैंडलोर्ड के साथ लीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए और इन परिसरों को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को सब-लीज पर दे दिया, ताकि इसका कारोबार जारी रह सके।
सूत्रों से मिली जानकारी :
सूत्रों ने बताया कि, 'ये सभी स्टोर घाटे में चल रहे हैं, जिन्हें रिलायंस अपने कब्जे में ले रही है और शेष स्टोर FRL से चलते रहेंगे। इस तरह, FRL का घाटा कम हो जाएगा और यह चलता भी रहेगा। हालांकि, अब तक रिलायंस रिटेल के अंतर्गत आने वाले स्टोरों की सही संख्या का पता नहीं चल सका है। सूत्र के अनुसार, रिलायंस ऐसे जगहों को देखेगी और उनका इस्तेमाल करेगी, ऐसा करने पर रिलायंस लगभग 30 हजार स्टोर कर्मचारियों को फिर से लाएगी। यह कदम बैंकों, लेनदारों और कर्मचारियों सहित एफआरएल के सभी हितधारकों के हित में है, क्योंकि कंपनी का कारोबार जारी है और उसकी कीमत बनी हुई है।'
Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्ते :
बताते चलें, Amazon द्वारा मध्यस्थता अदालत में दायर की गई याचिका में फ्यूचर ग्रुप द्वारा रिलायंस को अपने रिटेल असेट्स की बिक्री कर डील के तहत तय की गई शर्तो का उल्लंघन किया है। बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गई थी।
Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।
रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की डील :
Amazon द्वारा फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस की डील को लेकर दायर की गई याचिका पर मध्यस्थता अदालत ने रविवार को अंतिम फैसला सुनाया। बता दें इस फैसले में अगस्त में रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई 24,713 करोड़ रुपए की डील को केंसल कर दिया गया है। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड को बेचा था। Amazon द्वारा याचिका दायर करने की मुख्य वजह यह है कि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी।
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