रिलायंस एंटरटेनमेंट ने वॉल्ट डिज्नी से मिलाया हाथ, मीडिया-एंटरटेनमेंट सेक्टर में मिलकर करेंगे कारोबार
हाईलाइट्स
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एंटरटेनमेंट कंपनी वॉल्ट डिज्नी के साथ की नॉन-बाइडिंग डील।
इस डील के तहत दोनों कंपनियां देश में मीडिया व एंटरटेनमेंट बिजनेस करेंगी।
दोनों कारोबारी दिग्गजों के बीच यह डील फरवरी तक पूरी होने की संभावना है।
राज एक्सप्रेस। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने एंटरटेनमेंट कंपनी वॉल्ट डिज्नी के साथ एक नॉन-बाइडिंग डील (गैर-बाध्यकारी करार) की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वॉल्ट डिज्नी के साथ यह डील कंपनियों के इंडियन मीडिया ऑपरेशन के मर्जर के लिए की गई है। इसके तहत दोनों कंपनियां देश में मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस का संचालन करेंगी। एक अंग्रेजी समारपत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार यह डील फरवरी तक पूरी होने की संभावना है। रिलायंस ने रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन जनवरी के अंत तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इस करार के अनुसार मर्जर के तहत शेयरों और कैश कॉम्बिनेशन के माध्यम से रिलायंस के पास 51 फीसदी हिस्सेदारी होगी। जबकि डिज्नी के पास शेष 49 फीसदी हिस्सा रहेगा। इसका मतलब यह हुआ कि भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह के पास इस कंपनी का नियंत्रण रहेगा। रिलायंस और डिज्नी ने इस मामले पर रॉयटर्स के सवालों पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
रॉयटर्स ने दो सप्ताह पहले खबर दी है कि कंपनी के अधिकारी मीडिया मर्जर के अगले स्टेज पर चर्चा के लिए लंदन में बैठक करने वाले हैं। यह मर्जर अगर आकार ले पाया और कंपनी गठित हुई तो यह भारत की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनियों में से एक होगी। अस्तित्व में आने के बाद इस कंपनी का जी एंटरटेनमेंट और सोनी के साथ-साथ नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम जैसी स्ट्रीमिंग की दिग्गज कंपनियों के साथ होगा।
बता दें कि रिलायंस अपनी मीडिया और एंटरटेनमेंट यूनिट वियाकॉम 18 के माध्यम से कई टीवी चैनल और जियो सिनेमा स्ट्रीमिंग ऐप चलाता है। पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट की मुफ्त स्ट्रीमिंग जियो सिनेमा पर की गई, जबकि इसके पहले डिजिटल राइट्स भारत में डिज्नी के पास थे। इस साल की शुरुआत से, डिज्नी अपने भारतीय कारोबार के लिए बिक्री या ज्वाइंट वेंचर पार्टनरशिप की खोज कर रहा है, जिसमें कई टीवी चैनल शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस डील में स्टॉक स्वैप के माध्यम से स्टार इंडिया का नियंत्रण लेने के लिए रिलायंस की विआकॉम 18 के तहत एक यूनिट बनाई जाएगी। कंपनी के बोर्ड में रिलायंस और डिज्नी के निदेशक समान संख्या में शामिल होंगे। प्रत्येक कंपनी में से कम से कम दो प्रतिनिधि कंपनी में शामिल किए जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे कम से कम दो स्वतंत्र निदेशक रखने पर भी विचार कर रहे हैं, लेकिन आने वाले हफ्तों में इसमें बदलाव हो सकता है।
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