राज एक्सप्रेस। काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की मुश्किलें एक बार बहुत अधिक बढ़ने के बाद पिछले दिनों कंपनी अपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। कंपनी को खरीदने के लिए लगातार कंपनियां बोलियां लगा रही थीं। इन कंपनियों में अब तक 54 कंपनियां बोलियां लगा चुकी थीं। उसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि, अनिल अंबानी की इस कंपनी को अडानी ग्रुप खरीद सकता है। वहीं, अब कंपनी के रास्ते नई मुश्किलें आकर खड़ी हो गई हैं। क्योंकि, RCL की लोन समाधान प्रक्रिया को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की तरफ से कुछ समस्या आती दिख रही है।
RBI की तरफ से आई समस्या :
दरअसल, अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। जो कि, काम होने का नाम नहीं ले रही है वहीं, अब RCL की लोन समाधान प्रक्रिया को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) की तरफ से नियुक्त किए गए प्रशासक (appointed administrator) और लेंडर्स के बीच मतभेद देखने को मिल रहा हैं। ऐसे में कंपनी के सामने फिर सद्चाने आ खड़ी हुई है। इस मामले में सूत्रों के सवाल से यह जानकारी सामने आई है कि, 'RCL और इसकी सहायक कंपनियों के लोन समाधान के लिए 25 मार्च तक 54 बोलियां मिली थीं। आरसीएल के लिए रुचि पत्र (EOI) भेजने का यह अंतिम दिन था।'
क्या है मामला ?
खबरों की मानें तो, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की सहायक कंपनियों और उनकी लोन समाधान प्रक्रिया के लिए लोन देने वाले बैंकों के कानूनी सलाहकारों और प्रशासक के बीच उचित सहमित नहीं बन पाने के कारण ये मुद्दा उठ खड़ा हुआ है। यही कारण है कि, RCL की सभी सहायक कंपनियां लाभ में चल रही हैं और उनके पास पूंजी की भी कोई कमी नहीं है। ऐसी स्थिति में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत इन यूनिट्स के लिए कोई समाधान योजना नहीं पेश की जा सकती है। इनमें से कोई भी अनुषंगी किसी दबाव का सामना नहीं कर रही है और उनका कारोबार भी समुचित ढंग से चल रहा है।
कई कंपनियों ने लगाई बोली :
बताते चलें, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के लिए कई कंपनियों ने बोली लगाई है। जबकि बाकि की आठ सहायक कंपनियों के लिए अलग-अलग बोलियां लगाई गई हैं। RCL की तरफ से सभी बोलीदाताओं के लिए दो ऑप्शन रखे गए थे।
पहला ऑप्शन : RCL और उसकी सब्सिडियरी के लिए बोली लगाने का
दूसरा ऑप्शन : सब्सिडियरी कंपनियों के लिए अलग-अलग या जोड़ बनाकर बोली लगाने की सुविधा
गौरतलब है कि, RCL की सहायक कंपनियों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन और रिलायंस सिक्योरिटीज शामिल हैं।
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