राज एक्सप्रेस। पिछला साल 2020 कोरोना के चलते भारत के लिए काफी बुरा साबित हुआ, लेकिन नए साल की शुरुआत से ही भारतवासियों को बड़ी खुशखबरी मिल गई थी। क्योंकि, भारत में कोरोना की दो वैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी और तब से देश में वैक्सीनेशन जारी है, लेकिन अब तक देश में सिर्फ 18 साल से ऊपर की आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन ही किया जा रहा था, लेकिन अब लग रहा है 2 से 17 साल तक के बच्चों का इंतज़ार भी जल्द ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि 2 से 17 साल तक के बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल के दूसरे चरण को मंजूरी की सिफारिश की गई है।
वैक्सीन के परीक्षण के अनुमति की सिफारिश :
दरअसल, भारतवासियों के लिए देश में एक नहीं बल्कि दो-दो कोरोना वैक्सीन मौजूद हैं। साथ ही अब तो विदेशों की वैक्सीन भारत आना शुरू हो चुकी है, लेकिन यह सभी वैक्सीन 18 साल की आयु वर्ग से ऊपर के लोगों के लिए है और देश में वर्तमान समय में कोरोना की जंग लड़ने के लिए वैक्सीन ही एक मात्र हथियार है। इसी बीच अब एक बड़ी खबर सामने आई है कि, केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को 2 से 17 साल के बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ (Covovax) वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की सिफारिश की है। हालांकि, इस मामले में जानकारी समिति ने खुद ना देकर समिति से जुड़े सूत्रों से मिली है।
10 जगहों पर होगा परीक्षण :
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2 से 17 साल के बच्चों पर ‘कोवोवैक्स’ वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण 10 जगहों पर किया जाएगा। इस परीक्षण में 920 बच्चे शामिल होंगे। जिनमें 12-17 और 2-11 आयु वर्ग के प्रत्येक वर्ग में 460 बच्चों को रखा जाएगा। यदि इस परिक्षण को करने की अनुमति मिल जाती है तो, कोरोना से लड़ने के लिए बच्चों को भी वैक्सीन मिलने की उम्मीद मिल जाएगी। इसी मामले में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया है कि, ‘‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड -19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने मंगलवार को एसआईआई द्वारा दिए गए संशोधित अध्ययन प्रोटोकॉल आवेदन पर विचार किया और दो से 17 साल के बच्चों पर कोवोवैक्स के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए फर्म को अनुमति देने की सिफारिश की।’’
SII के निदेशक ने बताया :
इस वैक्सीन को लेकर SII के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह और निदेशक डॉ. प्रसाद कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया था कि, "विश्व स्तर पर, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों का टीकाकरण किया जा रहा है और इसके बाद लोगों को कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षित किया जाएगा और बच्चे अतिसंवेदनशील समूह में बने रहेंगे। संवेदनशील बच्चों में मौत सहित गंभीर बीमारी की खबरें आई हैं। यह भी आशंका व्यक्त की गई है कि देश में महामारी की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, जब तक बच्चों सहित सभी आयु समूहों को टीकाकरण के तहत कवर नहीं किया जाता है, सार्स-सीओवी-2 वायरस प्रचलन में बना रह सकता है, जिससे सभी को गंभीर बीमारी का खतरा बना रहता है।’’
SII का कहना :
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कंपनी का कहना है कि, 'इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, कई कंपनियों ने बच्चों में कोविड-19 वैक्सीन की सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मकता का मूल्यांकन करना शुरू कर दिया है।'
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