सीबीडीसी क्यूआर कोड को यूपीआई के साथ इंटरऑपरेबल बनाएगा भारतीय रिजर्व बैंक : टी रविकुमार
राज एक्सप्रेस। देश में यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा यानी CBDC क्यूआर कोड को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई के साथ शुरू करने की योजना बना रहा है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि केंद्रीय बैंक इस माह के अंत तक सीबीडीसी या ई-रुपया पर 10 लाख ग्राहकों को एक्टिव करने की योजना बना रही है। शंकर ने कहा कि हमारी दूसरी योजना सीबीडीसी क्यूआर कोड को यूपीआई के साथ इंटरऑपरेबल बनाने की है।
पिछले साल शुरू हुआ था ई-रुपया
आपको बता दें कि पिछले साल, भारतीय रिजर्व बैंक ने एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-रुपया जारी किया था। मौजूदा समय में ये उन देशों की चुनिंदा सूची में शामिल हो गया है, जो CBDC के साथ संबद्ध हैं। ई-रुपया ने पहले थोक सीबीडीसी शुरू की, जिसके बाद दिसंबर में रिटेल सीबीडीसी भी शुरू कर दी गई थी।
यूपीआई की लोकप्रियता से होगा लाभ
यूपीआई प्लेटफॉर्म बहुत लोकप्रिय है और इसके उपयोग में लगातार वृद्धि देखी गई है, क्यूआर कोड व्यापारियों या साथियों के बीच सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली विशेषता है। रविशंकर ने कहा कि आरबीआई के पास वर्तमान पायलट प्रोजेक्ट से इतर सीबीडीसी के साथ लाइव होने की कोई तारीख नहीं है। उन्होने क्रमिक और कैलिब्रेटेड परिवर्तन की ओर इशारा किया जो उपयोग बढ़ने पर सीखने को आंतरिक बनाने पर केंद्रित है।
क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ?
रुपये के डिजिटल अवतार को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से जाना जाता है। इसके कई सारे फायदे हैं। CBDC की मदद से आप जल्दी लेनदेन कर सकते हैं और इसकी लागत को भी कम कर सकते हैं। इसे शुरुआत में देश के कुछ शहरों में जारी किया गया था, अभी सरकार सीबीडीसी को बड़ा रूप देने की योजना बना रही है।
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