M Rajeshwar Rao
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आरबीआई मैक्रो वित्तीय माहौल के बदलावों को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहा, हमारी अब तक की गति संतोषजनकः राव

भारतीय बैंकों ने हाल के दिनों में विदेश में अपने कारोबारी गतिविधियां बढ़ाई हैं। विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबार विस्तार के इस क्रम में उन्हें बिल्कुल नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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राज एक्सप्रेस। भारतीय बैंकों ने हाल के दिनों में विदेश में अपने कारोबारी गतिविधियां बढ़ाई हैं। विदेशी मुद्रा बाजार में कारोबार विस्तार के इस क्रम में उन्हें बिल्कुल नई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मिस्र में फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा ने घरेलू बाजार में अप्रवासियों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। यह अच्छी बात है। अप्रवासियों की भागीदारी बढ़ने से कामकाज के तौर-तरीकों में भी बदलाव आ रहे हैं। तकनीक के स्तर पर भी तेजी से बदलाव हुए हैं। इस वजह से कठिनाइयां बढ़ गई हैं। हमें इन चुनौतियों के समुचित प्रबंधन की विधि खोजनी होगी, तभी हम निरापद तरीके से अपनी यात्रा जारी रख सकेंगे।

वित्तीय बाजार में जोखिम प्रबंधन विशेषज्ञता जरूरी

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राव ने कहा भारतीय बैंक जिस तरह विदेश में अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं, उसमें उन्हें चुनौतियां मिलना स्वाभाविक है। देखने की बात यह है कि इनसे मुकाबले या समायोजन की हम क्या योजना बनाते हैं। हम नई रणनीतिक चुनौतियों का मुकाबला करने में किस स्तर पर सक्षम हैं, इससे हमारा भविष्य तय होगा। अगर हम विदेशी विनिमय बाजार में हिस्सेदारी के इच्छुक हैं, तो हमें बदलाव और उसके साथ जुड़े जोखिमों के प्रबंधन के लिए तैयार रहना होगा। आरबीआई देश-दुनिया में मैक्रो वित्तीय माहौल में बदलाव को ध्यान में रखकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राव ने कहा हमें लगता है कि हमारी गति संतोषजनक है।

उतार-चढ़ाव पर आरबीआई करता है हस्तक्षेप

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राव ने कहा विदेशी मुद्रा बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव होने पर आरबीआई सरकारी बैंकों के माध्यम से जरूरी हस्तक्षेप करता है। इसका मतलब यह हुआ अगर रुपया ज्यादा गिरा तो डॉलर बेचा जाता है और रुपया ज्यादा मजबूत होता है तो डॉलर खरीदा जाता है। उन्होंने कहा अंतरराष्ट्रीयकरण के अपने लाभ हैं, लेकिन इससे जोखिम भी जुड़े हुए हैं। हमें सावधानी से मुद्राओं में उतार-चढ़ाव पर गौर करना होगा। इनका समुचित प्रबंधन करना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। भारतीय बैंक विदेशी बाजारों में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहे हैं। हालांकि, हाल के दिनों में कुछ देशों के साथ रुपये में भी कारोबार शुरू हुआ है। इसमें और देशों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। हमें इसका लाभ मिल सकता है।

बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी चिंता का विषय

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में ऑनलाइन धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। इस समस्या के समाधान के लिए सभी संबंधित हितधारकों और उपभोक्ता जागरूकता पहलों के समन्वित प्रयासों की जरूरत है। तभी इन घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है। ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए आरबीआई के माध्यम से कई पहल की गई हैं। जानकारी के अनुसार, 27 फरवरी, 2023 से 9 मार्च, 2023 तक मुंबई पुलिस ने सैकड़ों फर्जी बैंक खातों के खोलने पर 80 एफआईआर दर्ज की है।

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