राज एक्सप्रेस। जहां, पिछले दो साल एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से परेशान रही। वहीं, भारत कोरोना के साथ ही आर्थिक मंदी से भी जूझता नजर आया। हालांकि, उस दौरान लगभग सभी देशों का हाल एक जैसा ही था। इसी बीच देश में लगातार बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए महंगाई की चुनौती से निपटने का फार्मूला बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने एक बड़ा ऐलान किया है। जो कि, रेपो रेट (Repo Rate) की दर को बढ़ाने का है।
RBI ने बढ़ाई रेपो रेट की दर :
दरअसल, पिछले महीने तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। RBI ने लगातार 11वीं बार इसे स्थिर रखने के बाद अब रेपो रेट की दर बढ़ाने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी। उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्रीय बैंक (RBI) ने रेपो रेट में यह बढ़त अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो को नियंत्रित करने के लिए की है। इस बढ़त के बाद पालिसी रेपो रेट (Repo Rate) 40 बेसिस पॉइंट बढाकर 4.40% दी गई है। इस फैसले का सीधा असर बैंकों पर होगा क्योंकि उन्हें अब क़र्ज़ लेना महंगा पड़ेगा। इस नए ऐलान के बाद से देश में बैंको से मिलने वाला होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन थोड़ा महंगा हो जाएगा क्योंकि, इन सभी लोन पर EMI थोड़ा ज्यादा देना पड़ेगा।
RBI ने क्यों लिया यह फैसला :
दरअसल, जब से रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है तब से देश में भी काफी कुछ बदल गया है। महंगाई बढ़ती जा रही है। इन सब के बीच RBI ने यह फैसला बढ़ती महंगाई और रूस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और अंतराष्ट्रीय बाजार में गेहूं और खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में हो रही उठापटक को मद्देनजर रखते हुए लिया है। इतना ही नहीं RBI गवर्नर ने महंगाई को लेकर अनुमान जताते हुए कहा है कि, 'महंगाई अभी ऊँचे स्तर पर बनी रहेगी।'
जानकारी के लिए बता दें, रेट जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहते है। इसके अलावा अन्य जानकारी के लिए यहां पढ़ें।
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