राज एक्सप्रेस। भारत के सभी बैंकों की कमान भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हाथ में रहती है तो, जब भी कोई बैंक RBI द्वारा बनाये गए नियमों का उल्लंघन करता है तो, RBI बिना किसी की अनुमति के उस बैंक पर जुर्माना भी लगा सकता है और उसकी सेवाएं भी रद्द कर सकता है। वहीं, अब RBI ने महाराष्ट्र के प्राइवेट सेक्टर के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक के साथ भी कुछ ऐसा ही किया है। जी हां, RBI ने बैंक पर पर कारोबारी पाबंदियां लगा दीं है। इस पाबंदी का नुकसान ग्राहकों को उठाना पड़ेगा।
RBI ने लगाई बैंक पर पाबंदी :
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बीते कुछ समय से सहकारी बैंकों के खिलाफ लगातार कठोर नियम लागू कर दिए हैं। जिनका पालन करना बैंकों को जरूरी है, यदि बैंक ऐसा नहीं करता है तो RBI बैंक के खिलाफ एक्शन लेता है। इसी कड़ी में अब RBI ने महाराष्ट्र के बाबाजी दाते महिला सहकारी बैंक पर किसी कारण के चलते कारोबारी पाबंदियां लगा दीं है। जिसके बाद अब ग्राहकों को यह परेशानी होगी कि, वह 5,000 रुपये से अधिक रकम नहीं निकल सकेंगे। क्योंकि, RBI ने इससे ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है। इसके अलावा यह बैंक नए लोन भी जारी नहीं कर सकता। इस मामले में RBI ने विस्तार से जानकारी दी है।
RBI ने दी जानकारी :
इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जानकारी देते हुए एक बयान जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि, 'पाबंदियों के लागू होने बाद बैंक 8 नवंबर 2021 को अपना कारोबार खत्म होने के बाद से नए लोन नहीं जारी कर सकता है। इसके साथ ही बिना भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व मंजूरी के बैंक कोई नई जमा राशि स्वीकार कर सकता है। कोई भी जमाकर्ता पाबंदी के बाद इस बैंक के अपने खाते से 5,000 रुपये से अधिक राशि नहीं निकाल सकता है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत प्रतिबंध आठ नवंबर, 2021 को कारोबार बंद होने से छह महीने तक लागू रहेंगे और समीक्षा के अधीन हैं। यानी यवतमाल का यह सहकारी बैंक अब रिजर्व बैंक की मंजूरी के बिना कोई भुगतान नहीं कर सकता और ना ही कोई ऋण या अग्रिम दे सकता है।
छह महीने तक लागू रहेगी प्रतिबंध :
बताते चलें, केंद्रीय बैंक द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है। जब सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति पहले से बिगड़ी हुई चल रही है। इस मामले में RBI का कहना यह भी है कि, जिन ग्राहकों के अकाउंट से लोन की किस्त कटती हैं, उन्हें शर्तों के तहत इसके सेटलमेंट की अनुमति दी जा सकती है। इसके साथ ही बैंक ने साफ शब्दों में कहा कि, 'बैंक पर लागू की गई इन पाबंदियों को बैंकिंग लाइसेंस रद्द होने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय सेहत में सुधार होने तक पाबंदियों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। साथ ही, रिजर्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर समय-समय पर इन निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है।'
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