राज एक्सप्रेस। जैसा की सभी जानते है, देश के सभी बैंकों की कमान भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) के हाथ में रहती है। इसी के चलते देश में ज्यादातर वित्तीय समस्याओं से जुड़े फैसले या बैंक से जुड़े फैसले RBI ही लेता है। इसी कड़ी में यदि कभी कोई ऐसी समस्या आजाती है कि, कुछ हल नहीं मिल रहा होता है तो, ऐसे में कई बार RBI अपनी तरफ से पैसा भी खर्च करता है। ऐसा ही कुछ RBI वर्तमान समय में कर रहा है। क्योंकि, अब देश में सिक्कों की गिरती हुई मांग से मजबूर होकर RBI को ही सिक्कों पर इंसेंटिव देना पड़ रहा है।
RBI दे रहा सिक्कों पर इंसेंटिव :
दरअसल पिछले कुछ समय से आपने देखा होगा, मार्केट में सिक्के चलने कुछ बंद से हो गए हैं। लोग सिक्के लेने में नाटक कर रहे हैं। जब भी कभी ऐसी स्थिति बनती है तो, RBI को कोई उपाय निकालना पड़ता है। वहीं, वर्तमान में कुछ समय से सिक्को की मांग में आई गिरावट के चलते रिजर्व बैंक के पास सिक्कों का भंडार जमा हो गया है। इसी के चलते केंद्रीय बैंक ने सिक्कों के बैग पर बैंकों को दिया जाने वाला इंसेंटिव तीन गुना तक बढ़ा दिया है। यानी ठीक वैसे ही जैसे पहले के ज़माने में दुकानदार 1, 2 और 5 के सिक्के देने पर लोगों से कुछ अतिरिक्त पैसा लिया करते थे।
प्रति बैग पर RBI दे रहा इतना इंसेंटिव :
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, RBI अभी तक बैंकों को सिक्कों के प्रति बैग पर 25 रुपये का इंसेंटिव देता आरहा था यानी एक बैग सिक्के लेने पर बैंक को 25 रुपये इंसेंटिव के रूप में अलग से दिए जाते थे। वहीं, अब RBI ने इंसेंटिव की इस रकम को बढ़ाकर 65 रुपये कर दिया है। इसके बाद अब अगर बैंक इन सिक्कों को गांव या सेमी-अरबन इलाकों में बांटता है तो उसे 10 रुपये प्रति बैग के हिसाब से अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जाएगा।
इसलिए बढ़ाया गया इंसेंटिव :
पिछले कुछ सालों में सिक्कों की मांग में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसके कई कारण हैं जैसे कि, अब लोग ज्यादातर डिजिटल ट्रांजेक्शन करना पसंद करते हैं। साथ ही भारत सरकार भी डिजिटल ट्रांजेक्शन को ही बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा एक कारण यह भी है कि, मोबाइल वॉलेट कंपनियां डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर कई तरह के डिस्काउंट और कैशबैक दे रही हैं। इस तरह के कारणों के चलते सिक्कों की मांग काफी घाट गई है और अब मजबूर होकर RBI ने इंसेंटिव बढ़ा दिया है।
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