राज एक्सप्रेस। बीता साल 2020 तो मानों जैसे भारत के लिए कोई बहुत बुरा समय लेकर आया था। जहां, पिछले साल एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से परेशान थी। वहीं, भारत कोरोना के साथ ही आर्थिक मंदी से भी जूझ रहा था। हालांकि, उस दौरान लगभग सभी देशों का हाल एक जैसा ही था। इसी बीच भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार होने की खबर सामने आ रही है। इसका मतलब यह हुआ कि, देश में बढ़ती महंगाई के बीच भारत की अर्थव्यवस्था काफी सुधर गई है। इस बारे में जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर ने दी है।
बढ़ती महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था में आया सुधार :
दरअसल, कोरोना वायरस के चलते आर्थिक मंदी का सामना करने के बाद अब भारत की अर्थव्यवस्था के सभी इंडिकेटर्स इकोनॉमिक रिकवरी के मजबूत होने संकेत मिल रहे हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने टिकाऊ आर्थिक वृद्धि का फार्मूला भी बताया। उन्होंने कहा कि,
'आर्थिक वृद्धि के टिकाऊ होने के लिए निजी पूंजी निवेश (Private Investment) में बढ़ोतरी जरूरी है। कोरोना महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ने में सक्षम है। हालांकि, इसके लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना बेहद जरूरी है, कई इकोनॉमिस्ट ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.5-10 फीसदी के बीच कर दिया है। वहीं, रिजर्व बैंक अब भी 9.5 फीसदी की वृद्धि दर के अपने अनुमान पर टिका हुआ है। निवेश का माहौल सुधरने पर बैंकों को भी निवेश के लिए तैयार रहना होगा।'
शक्तिकांत दास, RBI गवर्नर
निवेश में तेजी की उम्मीद :
केंद्रीय बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 से देश में होने वाले निवेश में तेजी आने की उम्मीद जताई गई है। जबकि साल 2013 से ही देश की अर्थव्यवस्था में निजी पूंजी की आवक कम रही है। इस मामले में कई जानकारों का मानना है कि, 'अगले वित्त वर्ष के मध्य से निजी निवेश में फिर से तेजी आ सकती है।' RBI गवर्नर दास ने बैंकों के बहीखातों के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा कि, 'बैंकों का सकल फंसा कर्ज (NPA) जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही में पहली तिमाही के मुकाबले कम हुआ है।'
RBI गवर्नर ने कही यह बात :
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई अन्य बिंदु रखते हुए बैंकों से अपनी पूंजी प्रबंधन प्रक्रिया को बेहतर करने को भी कहा। इसके अलावा उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्र के उद्यमियों की सराहना करते हुए कहा कि, 'स्टार्टअप परिदृश्य (Statr-Up Outlook) में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इसके जरिये भारत में अरबों डॉलर की विदेशी पूंजी आई है।'
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