राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक एसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनमें समय-समय पर बदलाव किए जाते रहे हैं। ज्यादातर निवेशक और ट्रेडर्स इसमें में रूचि रखते है। यह कई देशों में अब भी बैन है। इसमें ट्रेड करना पूर्ण रूप से जोखिम भरा होता है। इतना ही नहीं इससे साइबर खतरा भी बना रहता है। इस खतरे से चेताते हुए केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अहम् जानकारी दी है।
RBI गवर्नर ने निवेशकों को चेताया :
हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऐसी खबरें सामने आई थीं कि, सरकार एक क्रिप्टोकरेंसी बिल ला सकती है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी को एक कमोडिटी की तरह देखा जाएगा। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) वर्चुअल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार सचेत रहने की सलाह दे चुका है। इन दिनों मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी की काफी डिमांड है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी जारी की है। RBI गवर्नर दास ने क्रिप्टोकरेंसीज को ‘स्पष्ट खतरा’ बताते हुए कहा है कि, 'इसकी वैल्यू सिर्फ विश्वास पर बढ़ती है, वह एक परिष्कृत नाम के तहत सिर्फ एक अटकलबाजी है। जिस तरह से फाइनेंशियल सिस्टम डिजिटलाइज्ड हो रहा है, साइबर खतरे बढ़ते जा रहे हैं। इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।'
RBI गवर्नर का कहना :
RBI गवर्नर दास ने यह चेतावनी RBI की जून की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट जारी करते हुए दी है। साथ ही उन्होंने आगे कहा, 'टेक्नोलॉजी ने फाइनेंशियल सेक्टर की पहुंच को समर्थन दिया जाना चाहिए और इसके लाभों का पूरी तरह दोहन करना चाहिए और वित्तीय स्थायित्व के लिए किसी तरह की संभावित बाधा के प्रति सुरक्षा दी जानी चाहिए।'
गोल्ड पर इंपोर्ट टैक्स में हुई बढ़ोतरी :
बताते चलें, चेतावनी जारी करने के साथ ही उन्होंने अन्य जानकारी भी दी है। उन्होंने बताया है कि, सरकार द्वारा गोल्ड पर इंपोर्ट टैक्स बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतें 2020 से 2021 के बीच 10 गुनी बढ़ी। सामने आई मार्केट वैल्यू रिपोर्ट की मानें तो, साल 2020 की शुरुआत से 2021 के अंत तक क्रिप्टो एसेट्स की मार्केट वैल्यू 10 गुनी बढ़ कर 3 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गई थी। जो जून, 2022 में गिरकर 1 लाख करोड़ डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गई।
RBI का कहना :
RBI का कहना है कि, “क्रिप्टोग्राफी और डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) द्वारा संचालित तकनीक विकास से क्रिप्टो एसेट्स और स्टेबिल कॉइन जैसी नई डिजिटल एसेट्स का उदय हुआ, जिनमें कोई एसेट्स छिपी हुई नहीं है और इसे मुख्य रूप से अटकलों वाले निवेश के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।"
रिपोर्ट के अनुसार :
रिपोर्ट के अनुसार, 'क्रिप्टो एसेट्स से वित्तीय स्थायित्व को खतरा खासा सीमित लगता है, क्योंकि इसका कुल आकार छोटा (वैश्विक फाइनेंशियल एसेट्स का 0.4 फीसदी) है और पारम्परिक फाइनेंशियल सिस्टम के साथ इसका जुड़ाव सीमित है। हालांकि, इससे जुड़े जोखिम आगे बढ़ने की संभावना है, क्योंकि ये एसेट्स और इकोसिस्टम इनके विकास को गति दे रहे हैं।
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