RBI गर्वनर दास ने जताई दूसरी छमाही में महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद
राज एक्सप्रेस। आज देश में सबसे बड़ी समस्या महंगाई ही बनती जा रही है, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि, भारत को देश में बढ़ रही इस महंगाई से राहत मिल सकती है। क्योंकि, देश के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई है। साथ ही RBI द्वारा महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए सभी तरह के मौद्रिक उपाए करने की भी बात कही है।
महंगाई से मिल सकती है राहत :
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) देश में बढ़ रही महंगाई को कम करने के लिए कोई न कोई उपाय करता ही है। इसी बारे में जानकारी देते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई कम होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा है कि, 'केद्रीय बैंक महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए सभी तरह के मौद्रिक उपाए जारी रखेगा. इससे मजबूत और स्थाई वृद्धि हासिल की जा सकेगी। ग्रोथ को लेकर अच्छे संकेत दिखाई दे रहे हैं।'
RBI गर्वनर का कहना :
बताते चलें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास हाल ही में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन के सत्र का हिस्सा बने थे। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'मुद्रास्फीति देश के आर्थिक संस्थानों में जनता के विश्वास का मापक है. गवर्नर ने कहा, इस समय आपूर्ति का परिदृश्य अनुकूल दिखाई दे रहा है। कई उच्च आवृत्ति संकेतक (High Frequency Indicator) 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सुधार के लचीलेपन की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में हमारा आकलन है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो सकती है।'
उन्होंने आगे कहा कि, 'वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए मूल्य स्थिरता महत्वपूर्ण है। इसलिए केंद्रीय बैंक व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के उपाय करेगा। हालांकि, हमारे नियंत्रण से परे कारक छोटी अवधि में महंगाई पर असर डाल सकते हैं, लेकिन मध्यम अवधि में इसकी चाल मौद्रिक नीति द्वारा निर्धारित होगी। इसलिए, मौद्रिक नीति को मुद्रास्फीति को स्थिर करने के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूत स्थिति में और सतत वृद्धि की राह पर कायम रखा जा सके। हम व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और उसे बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ अपनी नीतियों की समीक्षा जारी रखेंगे। मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी अप्रैल और जून की बैठकों में 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 6.7 प्रतिशत कर दिया।'
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