राज एक्सप्रेस। भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा हाल ही में कई घोषणाएं की गई है, जिसमे RBI ने स्टेबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, NPA के बढ़ने को लेकर जानकारी दी, इसके साथ ही RBI ने सरकारी सिक्योरिटी की बिक्री और खरीद के दूसरे राउंड का ऐलान किया है।
NPA से जुड़ी जानकारी :
RBI द्वारा जारी की गई फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, NPA का टेंशन काम होना नजर नहीं आरहा है बल्कि इसके बढ़ने की ही आसार नजर आते दिख रहे हैं इतना ही नहीं बैंक ने तो चेतावनी भी दी है कि, साल 2020 में NPA की दर 9.3% से बढ़कर 9.9% पर पहुंच सकती है। इसके अलावा RBI ने बताया कि, अभी NPA को लेकर ममला चिंताजनक बना हुआ है। रिपोर्ट पर नजर डालें तो, सितंबर 2020 तक बैंकों का ग्रॉस NPA बढ़कर 9.9% हो जाएगा जबकि इस साल इसी अवधि में बैंकों का ग्रॉस NPA 9.3% था। यदि रिसेशन ऐसे ही चलता रहा तो, NPA की दर 10.5% तक पहुंच सकती है।
NPA की दर :
यदि ऐसा हुआ तो, सरकारी, प्राइवेट बैंकों की हालात बिगड़ सकती है, क्योंकि साल के आधार पर PSU बैंकों के NPA की दर 12.7% से बढ़कर 13.2% तक बढ़ने की उम्मीद बताई जा रही है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2020 (FY20) में वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.3% प्राप्त करना भी कठिन हो जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि, मंदी की स्थिति के बावजूद भी फाइनेंशियल सिस्टम वर्तमान में स्थिर हैं।
दूसरे राउंड की घोषणा :
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने NPA (Non Performing Assets) से जुड़े मुद्दे पर जानकारी दी साथ ही RBI ने सरकारी सिक्योरिटी की बिक्री और खरीद के दूसरे राउंड की घोषणा भी की है। इस घोषणा के अनुसार, बाजार में बेंचमार्क सॉवरेन बॉन्ड में बढ़ोतरी हुई है। RBI द्वारा लिक्विडिटी सिचुएशन का रिव्यू करने के बाद मुख्य रूप से ओपन मार्केट ओपन (OMO) के द्वारा 10,000-10,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री का ऐलान किया है। इस प्रोसेस की शुरुआत 30 दिसंबर से की जाएगी।
RBI का कहना :
RBI ने बताया कि, "वो करंट बेंचमार्क के 10,000 करोड़ के 10 साल के बॉन्ड खरीदेगा, साथ ही इसी कीमत के चार बॉन्ड बेचेगा, जो 2020 में मैच्योर होंगे। वहीं इस हफ्ते की शुरुआत में RBI ने OMO प्रक्रिया के द्वारा 10,000 करोड़ रुपए की लॉन्ग टर्म सरकारी सिक्योरिटीज को खरीदा था इसके अलावा 6,825 करोड़ रुपए की सिक्योरिटी की बिक्री भी की थी।"
RBI का फैसला :
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि, ऐसा पहली बार हुआ है जब RBI द्वारा खोले बाजार में सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री एकसाथ हुई हो। इसके अलावा अब RBI ने फैसला किया है कि, बैंक अब वर्तमान में उपस्थित लिक्विडिटी और मार्केट सिचुएशन की समीक्षा और वित्तीय परिस्थितियों के आंकलन के बाद 30 दिसंबर, 2019 को फिर से OMO के जरिये 10,000-10,000 करोड़ रुपए की सरकारी सिक्योरिटी ख़रीदेगी और बेचेगी। वहीं RBI ने बताया है कि, बैंक के पास किसी भी बोली या पेशकश को पूरी तरह या आंशिक रूप से स्वीकार या खारिज करने का हक़ है।
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